नई दिल्ली। जीएसटी विधेयक पास कराने को लेकर प्रयत्नशील केंद्र सरकार ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स दर विस्तृत रूप से निर्धारित करने के कांग्रेस के सुझावों को हास्यास्पद बताया है। जेटली के इस बयान से साफ होता है कि सरकार फिलहाल संशोधन करने को तैयार नहीं। 

कांग्रेस की मांग है कि विधेयक में कर की दर 18 प्रतिशत तय की जाए, जबकि मई में लोकसभा में पास बिल में कर दर निर्धारण का उल्लेख नहीं, कर की दर जीएसटी परिषद तय करेगी। कांग्रेस की मांग है कि गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे उत्पादक राज्यों को प्रवेश कर में एक प्रतिशत प्रवेश कर में अनुदान खत्म किया जाए, सरकार इसे हटाने को तैयार है।

किसी वस्तु पर कितना टैक्स बढ़ेगा, इसके लिए संसद के दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होनी चाहिए।

कोई वस्तु जितने राज्यों से गुजरेगी तो उन राज्यों को एक फीसदी का हिस्सा मिलेगा, कांग्रेस इसको बदलना चाहती है। इसमें जो उत्पादक राज्य हैं, उसको फायदा है और गरीब राज्यों को नुकसान।

इन मांगों के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहाकि जब यूपीए सरकार थी और तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस बिल को पेश किया था। उस समय भी यह प्रावधान थे हमने इसे नहीं बदला। यहां तक कि स्टैंडिंग कमिटी ने भी इसे पास कर दिया था। अब जिन तीन नियमों को बदलने की बात राहुल गांधी कर रहे हैं वह हास्यास्पद है।