नई दिल्ली। क्रिकेट में फिक्सिंग का जिन्न फिर से बाहर निकल आया है और इस बार ये जिन्न निकला है शारजाह में, जहां पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर इसका आरोप लगा है। मामला सिर्फ आरोफ तक ही सीमित नहीं है क्योंकि आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

खास बात ये है कि इंग्लैंड के खिलाफ ही पिछली स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए पाकिस्तान क्रिकेटरों ने हाल ही में सजा पूरी की है और एक बार फिर फिक्सिंग के फेर में फंस गए पाकिस्तानी।

2 विकेट पर स्कोर 132 रन, लेकिन 161 के स्कोर पर 8 आउट यहीं से निकला फिक्सिंग का जिन्न। जी हां,  इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले में पाकिस्तान ने जिस अंदाज में फटाफटे विकेट खोए, उससे  पाक टीम फिर से शक के घेरे में आ गई। लेकिन, बात सिर्फ शक तक ही नहीं रुकी, जो बात पहली दबी जुबां और फुसफुस्फाटहट से शुरू हुई अब ये बात आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट तक पहुंच गई है और उन्हें इसकी जांच शुरू करनी पड़ी।

आलम ये रहा कि सीरीज हारने के बाद पाकिस्तान टीम के कोच वकार यूनिस को भी सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब आपको ये बताते हैं कि संदेह की सुई कैसे पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तरप घूमी? दरअसल, तीसरे वनडे के दौरान पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और शानदार शुरुआत की। लेकिन 132 के स्कोेर पर पारी का ऐसा पैटर्न शुरू हुआ जिसने अच्छे-अच्छे को हैरानी में डाल दिया।

पाकिस्तान के एक के बाद एक 6 विकेट तो गिरे ही लेकिन इसमें 2 रन आउट के तरीकों ने सवाल खड़े कर दिए। 132 पर 2 विकेट गिरने के बाद पूरी पारी 208 रन पर सिमट गई जिसमें 3 रन आउट भी शामिल थे।

कप्तान अजहर ने भी मैच के बाद ऐसे प्रदर्शन पर हैरानी जाहिर की, लेकिन पूरे मामले ने नाटकीय और सनसनीखेज मोड़ तब लिया इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने ट्वीट कर निशाना साथा जिसे बवाल बढ़ने पर बाद में हटा भी दिया गया।

यही वजह है कि एंटी करपश्न यूनिट इसको गंभीरता से ली है और बैटिंग एक्सपर्ट से डाटा मांग रही है जिससे इस मामले की तह तक जाया जा सके।  दिलचस्प बात ये है पाकिस्तान अगले महीने यूएई में ही भारत के खिलाफ भी सीरीज खेलने को लेकर अपनी जिद पर अड़ा हुआ है जबकि बीसीसीआई को यही फिक्सिंग की फांस के चलते हिचकिचाहट हो रही है।