शिक्षा अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव, जुर्माना और कैद का भी प्रावधान

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शिक्षा अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत कैपीटेशन फीस लेने वाले दोषी स्कूलों से डोनेशन राशि से 10 गुना जुर्माना लिया जा सकता है और बार-बार इस तरह की गल्ती करने पर जेल की सजा भी हो सकती है।

दिल्ली स्कूल लेखा सत्यापन और अतिरिक्त शुल्क वापसी विधेयक के तहत स्कूलों को ली गई फीस और खर्च किए गए पैसों के संबंध में व्यापक जवाबदेही दिखानी होगी। दोषी स्कूलों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है और बार-बार ऐसा करने वालों को तीन से पांच साल तक की कैद की सजा भी सुनाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘देखा गया है कि कई स्कूल अत्यधिक शुल्क वसूलते हैं और इस पैसे को दूसरे कामों में लगा देते हैं, मसलन किसी ट्रस्ट को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन देने में या फर्जी बिल दिखाने आदि में। अब इसे रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक समिति देखेगी। समिति के पैनल में 400-500 सीए होंगे, जो स्कूलों के खातों को देखेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें कोई अनियमितता नजर आती है तो वे स्कूल को या तो धन वापस करने का या अगले साल शुल्क कम करने का निर्देश दे सकते हैं।’ केजरीवाल ने कहा कि सरकार खातों के ऑडिट की पक्षधर है, लेकिन स्कूल द्वारा खर्च की गई राशि में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती।