नई दिल्‍ली: पाकिस्तान में होने वाली आतंकी वारदातों में भारत का हाथ होने के कोई ठोस सबूत नहीं है। ये बात ख़ुद सरताज़ अज़ीज़ ने सीनेट कमेटी के सामने क़बूली है। अज़ीज़ विदेशी मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार हैं।

भारत-पाकिस्तान विदेश सचिवों की बैठक रद्द होने से पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि बलूचिस्तान, कराची और फाटा के इलाकों में आतंकवादी वारदातों में भारत का हाथ होने के पुख्ता सबूत उसके पास हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने इस बार संयुक्त राष्ट्र में डोज़ियर भी पेश किया है, लेकिन अब खुद अज़ीज उसमें पुख़्ता सबूत होने की बात से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि डोज़ियर गवाहों के बयानों पर आधारित है।

विदेश सचिव एजाज़ अहमद चौधरी ने सीनेट कमेटी के सामने दुहाई दी है कि डोज़ियर के विषय वस्तु की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे सार्वजनिक सुनवाई में साझा नहीं किया जा सकता, लेकिन बंद कमरे की सुनवाई में इस सबूतों को सामने रखा जा सकता है। हालांकि पाकिस्तान के पास शायद इस बात का कोई जवाब न हो कि जब पुख़्ता सबूत वो सार्वजनिक कर नहीं सकता तो यूएन को डोज़ियर देने के ज़रिए दुनिया को क्या दिखाने चला था।

ग़ौरतलब है कि मुंबई हमले के मामले में भारत के सबूतों के डोज़ियर को तब के विदेश सचिव सलमान बशीर ने पीस ऑफ लिटरेचर करार दिया था। अब पाकिस्तान ख़ुद मान रहा है कि उसका डोज़ियर पीस ऑफ लिटरेचर है।