लखनऊ। माल एवेन्यू के सरकारी बंगलों को तोड़कर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के आवास में मिलाए जाने व दिल्ली के  चार बंगलों के कथित आवंटन की सीबीआइ जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने नौ दिसंबर को ब्यौरा तलब किया है। पीठ ने प्रदेश के ऐसे अन्य बंगलों के बारे में भी जानकारी मांगी है जिनका विस्तार करने के लिए  अन्य बंगलों को तोड़ा गया और गैर कानूनी तरीके से सरकारी जमीन को इनमें मिलाया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति सतेन्द्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति आदित्य नाथ मित्तल की खंडपीठ ने अधिवक्ता मोतीलाल यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिया। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री रहते मायावती ने माल एवेन्यू के कुछ बंगलों को विधि विरुद्ध तरीके से तुड़वा कर अपने बंगले में मिला लिया और इस काम में अधिकारियों की भी मिलीभगत रही। यहां तक कि सरकारी कार्यालय की जमीन को भी बंगले के विस्तार के लिए उसमें मिला दिया गया।</p>

<p>याचिका में यह भी कहा गया कि दिल्ली के गुरुद्वारा रोड स्थिति चार बंगलों को भी तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने गैर कानूनी तरीके से अपनी पार्टी के कार्यालय के लिए आवंटित करा लिया। याची ने मांग की है कि पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराते हुए दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए। मामले की अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी।