नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर लगाए जाते रहे विभिन्न आरोपों पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि वह उन मामलों की जांच करवाएं और आरोप साबित करके दिखाएं।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 98वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में राहुल ने कहा, ‘बीजेपी और आरएसएस हमेशा से मेरे परिवार, मेरी दादी, मेरे पिता और मां पर आरोप लगाते रहे हैं… मैं यह सब तब से देखता आ रहा हूं, जब मैं बच्चा था… मैं कहना चाहता हूं, मोदी जी, यह आपकी सरकार है… सभी एजेंसियां आपके पास हैं… उन्हें मेरे पीछे लगा दीजिए… जांच बिठाइए, और अगर छह महीने के भीतर कुछ भी मिल जाए, तो मुझे जेल में डाल दीजिए… लेकिन तब तक अपने लोगों से कहिए, मेरे परिवार पर कीचड़ उछालना बंद करें…’

गौरतलब है कि इसी हफ्ते बीजेपी के सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कुछ दस्तावेज़ जारी किए थे, जिनके मुताबिक राहुल गांधी ने इंग्लैंड में कंपनी स्थापित करने के उद्देश्य से कंपनी कानून अधिकारियों के समक्ष यह दावा किया था कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को खत भी लिखा था, जिसमें राहुल की भारतीय नागरिकता तथा लोकसभा की सदस्यता छीन लेने की मांग की गई थी।

उधर, कुछ ही देर में बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस के खिलाफ विभिन्न घोटालों और अनियमितताओं से जुड़े आरोपों को दोहराया। वरिष्ठ बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, ‘उन्हें हमें चुनौती नहीं देनी चाहिए… मनमोहन सिंह हमारी अर्थव्यवस्था को 2जी, कोलगेट और सीडब्ल्यूजी घोटालों की दिशा में लेकर गए थे… रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भी कई जांच चल रही हैं…’

आरएसएस को लेकर राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी पर आरएसएस की छाया भी पड़ गई होती, तो वह गौरवान्वित महसूस करते… नेहरू जी, राजीव जी को आरएसएस के बारे में सब पता था, क्योंकि आरएसएस ने ही उनकी गलतियां उजागर की थीं… राहुल गांधी को पहले उनके कामों के बारे में पढ़ना चाहिए…’

वैसे, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने समारोह में आरएसएस की तुलना प्रतिबंधित संगठन सिमी से की थी और कहा था कि पीएम मोदी और आरएसएस के लोग दादागीरी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा आरएसएस और पीएम मोदी से अलग है। पीएम मोदी और आरएसएस को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारा काम तोड़ने का नहीं, जोड़ने का है।