लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार पर किसानों के साथ सौतेले व्यवहार करने का आरोप लगाया है पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने राज्य में किसानों की बदहाली पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ राज्य के किसान सूखे और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे है वहीं दूसरी तरफ सरकारी धान क्रय केन्द्रो पर सक्रिय विचैलियों और सरकारी लापरवाही के कारण किसान धान को औने-पौने  दामों में बाहर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। 

पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सरकारी क्रय केन्द्रो पर पर व्याप्त धांधली का आलम यह है कि क्रय केन्द्रो पर किसानों को वापस किया जा रहा विचैलिये 1000 हजार रूपये की कीमत दे कर 1410 और 1450 के समर्थन मूल्य का धान खरीद ले रहे हैं। जैसे ही किसान इन क्रय-केन्द्रो  से हटता है फिर वहीं धान इन क्रय-केन्द्रो के वहीं खातों पर चढ जाता है स्वाभाविक है बीच की धनराशि पूरे काकस में बंट रही है, यही कारण है कि जनपद में तैनात अधिकारी शिकायतों के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार की नीतियों के कारण कमीशन एजेन्टों (आढ़ती) का धान खरीद में बोल-बाला हैं सरकारी खरीद केन्दों पर जहा धांधलियां हो रही हैं वहीं इन आढतियों द्वारा भी तुरन्त पैसा देने के नाम पर किसानों का शोषण किया जा रहा हैं आढतियों को पूरा पैसा दिये जाने के निर्देश हैं क्योंकि सरकार ने उनके लिए अलग से कमीशन की धनराशि भी तय कर रखी है। किन्तु आज तक एक भी आढती के यहां क्या कोई पडताल हुई स्पष्ट है की सरकार घोषणाओं में विज्ञापन पटों पर राज्य में किसान वर्ष मनाने में जुटी है, पर हकीकत है कि अखिलेश राज्य में सूखे की मार झेल रहा किसान बदहाली की स्थिति में पहुॅच गया है।

श्री पाठक ने कहा कि धान, गेहूॅ क्रय में  लगातार शिकायतें रही है जब सरकार ने पड़ताल की तो खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वजन तौल कांटे पर कम पाया गया, सत्ता आते ही जब सरकार ने प्रयास किया तो अच्छी खरीद भी हुई किन्तु जैसे-जैसे सत्ता की खुमारी चढ़ती गयी सरकार मंचो पर किसान गुणगान करती गयी, किसान आत्म हत्या करता गया, सरकार किसान कर्ज माफी की घोषणा करती गयी। लोग नहर में पानी का इंतजार कर कर रहे है सरकार कहती हैं हमने सिचाई मुफ्त कर दी।