लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बसपा के प्रवक्ता की भूमिका में आये अखिलेश यादव का आत्मविश्वास डगमगा रहा है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि महागठबंधन पर अलग-अलग स्वर में बोलते सपाईयों का अखिलेश पर भरोसा दरक रहा है। उन्होंने कहा मजहबी आधार पर योजनाओं का कार्यन्यवयन में लगे लोग धर्म निरक्षेप होने का स्वांग रच रहे है। भाजपा सबका साथ सबके विकास की बात ही नहीं करती वरन क्रियान्यवयन में विश्वास रखती है जबकि यहां तो मजहबी आधार पर संस्कार स्थलों के लिए धनावंटन किया जाता हैं 

प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि एक ओर अखिलेश यादव बसपा से होने वाले गठबंधन को नकारते है वहीं दूसरी ओर वे ये भी कहने नहीं चूकते कि गठबंधन की बात तो नेता जी (मुलायम ंिसंह) तय करेगें हम कैसे तय कर लेगें। स्पष्ट है कि एक ओर वे गठबंधन को नकाराते हुए बसपा की सम्भवानाओं पर बयानबाजी कर रहे है जबकि उनके अपने दल में उनके लोग बसपा के साथ होने वाले गठबंधन की वकालत कर रहे है। समाजवादी पार्टी दुविधा में है खुद ही हां और खुद ही न करने में जुटी है। उत्तर प्रदेश की साख व पहचान दोनों को ही अखिलेश राज में नुकासन पहुॅचा है अखिलेश सरकार में ध्वस्त हुई कानून व्यवस्था और बेलगाम सपाईयों की कारगुजारियों का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की पहचान महिलाओं, उद्यमियों के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश के रूप में हो रही है। उन्होने कहा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विहार में महागंठबंधन की जीत की तो चर्चा करते है पर अपनी पार्टी की दुर्गति का जिक्र क्यों नही करते?

श्री पाठक ने कहा मुजफ्फरनगर, दादरी व अन्य जगहों पर हुई घटनों को लेकर उत्तर प्रदेश की देश-विदेश में खराब हुई छवि को लेकर चिन्ता व्यक्त करते है। लेकिन यह क्यों नहीं स्वीकार करते कि राज्य में हुई हिंसक व साम्प्रदायिक घटनाओं को रोक पाने में नाकाम रहने का मुख्य कारण उनकी खुद की सरकार की प्रशासनिक विफलता है।