नई दिल्ली: गिरीश कर्नाड बोले, लोग नहीं बल्कि नेता कर रहे सड़कों पर गुंडागर्दी का नेतृत्‍वज्ञानपीठ अवार्ड से सम्‍मानित अभिनेता और फिल्‍मकार गिरीश कर्नाड ने कहा है कि जान से मारने की मिली धमकियों से वे चिंतित नहीं हैं, लेकिन दुखी जरूर हैं। 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्‍तान की प्रशंसा करते हुए कर्नाड ने बयान दिया था कि बेंगलूरू एयरपोर्ट का नामकरण टीपू पर किया जाना चाहिए। उनके इस बयान ने दक्षिणपंथियों को नाराज कर दिया है।

कर्नाड ने कहा, ‘बात केवल टीपू सुल्‍तान की नहीं है। दरअसल यह देश में बढ़ रही राजनीतिक बहस का उदाहरण मात्र है। सड़कों पर गुंडागर्दी का नेतृत्‍व लोग नहीं बल्कि राजनेताओं द्वारा किया जा रहा है। ऐसे लोग जिनके बारे में हम सोचते हैं कि इनमें हमसे ज्‍यादा विवेक है।’

उन्‍होंने कहा, ‘इस तरह के विवाद मुझे चकित या चिंतित नहीं करते। मैं ऐसे विवादों से पहले भी गुजर चुका है। यदि हम परिपक्‍व लोकतंत्र कहे जाते हैं तो हमें परिपक्‍व बहस भी करनी चाहिए।’ गौरतलब है कि एक ट्वीट में धमकी दी गई है कि कर्नाड का हाल भी लेखक एमएम कलबुर्गी जैसा होगा। कलबुर्गी की महाराष्‍ट्र के उनके घर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। हालांकि कर्नाड ने अपने बयान पर माफी की पेशकश भी की है, लेकिन उनके खिलाफ विरोध के सुर थमने का नाम नहीं ले रहे।

इस वरिष्‍ठ कलाकार ने कहा, ‘सौभाग्‍य से मैं ट्विटर या फेसबुक पर नहीं हूं, इसलिए इन धमकियों से अनजान हूं।’ गिरीश कर्नाड को यह धमकी कर्नाटक सरकार की ओर से टीपू सुल्‍तान की जयंती मनाने को लेकर उठे विवाद के चलते सामने आई थी। भाजपा और आरएसएस जैसे इसके वैचारिक संगठन सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि टीपू एक तानाशाह था जिसने हिंदुओं और ईसाइयों को सताया।