गांधीनगर। जशोदाबेन के भाई अशोक मोदी ने बताया है कि “जशोदाबेन ने पिछले महीने पासपोर्ट के लिए जो अर्ज़ी दी थी… उसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया है कि उन्हें शादी का प्रमाणपत्र जमा करना होगा।” उन्होंने बताया कि “अधिकारी ने कहा कि जशोदाबेन ने 1968 में नरेंद्र भाई मोदी से शादी की थी। उन दिनों में प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं होता था। लेकिन पासपोर्ट कार्यालय ने अर्ज़ी लेने से इनकार करते हुए कहा कि शादी के प्रमाणपत्र या शपथपत्र के बिना जशोदाबेन को पासपोर्ट जारी नहीं किया जा सकता है।”
अशोकभाई कहते हैं कि, “विदेशों में रह रहे हमारे मित्र और रिश्तेदार चाहते हैं कि जशोदाबेन उनसे मिलने जाएं। इसलिए ही पासपोर्ट की अर्ज़ी दी गई थी। अब हम पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए क़ानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।”
गौरतबल है कि जशोदाबेन ने इससे पहले गुजरात सरकार से सूचना के अधिकार के तहत अपनी सुरक्षा के संबंध में सवाल पूछे थे जिनके जवाब नहीं मिले हैं। जशोदाबेन फिलहाल उत्तरी गुजरात के ब्रह्मवदा गांव में भाई अशोक मोदी के साथ रहती हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त नरेंद्र मोदी ने अपना नाम “विवाहित” की श्रेणी में डाला था और पत्नी का नाम जशोदाबेन बताया था।
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