लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अकाली दल के पूर्व नेता बलंवत सिंह रामूवालिया को पंजाब से लाकर अपनी सरकार में कारागार विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंशा पर संदेह उठना स्वाभाविक है। 

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के फौरन बाद रामूवालिया ने राजभवन में पत्रकारों से इंटरव्यू के दौरान स्पष्ट किया था कि उनकी ज्यादा से ज्यादा कोशिश यूपी में निवेश लाने की होगी। इसी उद्देश्य के लिए सपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दायित्व सौंपा था। मुख्यमंत्री द्वारा नए मंत्रियों को विभाग के बंटवारे के बाद रामूवालिया को कारागार विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाए जाने से सपा नेतृत्व की मंशा संदेह के घेरे में आ गई है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यह स्पष्ट करें कि आखिर रामूवालिया कारागार विभाग में कौन सा निवेश लाएंगे? आखिर रामूवालिया में ऐसी कौन सी खूबी देखी गई जो उन्हें कारागार जैसा विभाग दिया गया वह भी उस समय जब सपा और बसपा के कई नेता जेल की सलाखों के पीछे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं जेल में बंद अपने चहेते नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए रामूवालिया का उपयोग सपा के शीर्ष नेतृत्व ने किया है। प्रदेश में सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री ने पहले रघुराज प्रताप सिंह, राजेंद्र चैधरी, बलराम यादव और अब बलवंत सिंह रामूवालिया को कारागार विभाग की कमान सौंपी है ताकि इनपर दबाव बनाकर मनमाफिक काम कराया जा सके।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कारागार विभाग को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है। ऐसा क्या है कि यहां कोई मंत्री टिककर काम ही नहीं कर पा रहा है? जेलों में अराजकता का महौल है। जेल में बंद कैदियों की हत्याएं हो रही हैं। जेलों में सुविधाएं और सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए का बजट देने के बावजूद इनके हालात नहीं सुधरे हैं और सपा सरकार हर आठ-नौ महीनों में एक नए नेता को मंत्री बनाकर इस विभाग पर बिठा देती है।