नई दिल्ली: सरकार ने मूडीज एनालिटिक्स की हाल की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि वह कंपनी के एक कनिष्ठ विश्लेषक (जूनियर एनालिस्ट) की निजी राय थी, जिसे मीडिया ने इस रूप से पेश किया मानो वह रेटिंग एजेंसी की भारत पर एक टिप्पणी है।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मीडिया जिस रूप से उसे प्रस्तुत करना चाहता था, उस बात को उस आधार पर पेश किया। इसमें कहा गया है, ‘भारत सरकार को यह देखकर बेहद अफसोस है कि मूडीज एनालिटिक्स के एक कनिष्ठ एसोसिएट अर्थशास्त्री की व्यक्तिगत राय को भारतीय मीडिया के कुछ तबकों ने गैर-जिम्मेदार और तोड़-मरोड़ कर रिपोर्टिंग की।’ शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घरेलू और वैश्विक विश्वसनीयता के जोखिम को दूर करने के लिए बीजेपी सदस्यों पर अंकुश लगाना चाहिए।

विज्ञप्ति के अनुसार, यह आश्चर्य की बात है कि भारतीय मीडिया का कुछ तबका मूडीज एनालिटिक्स जो केवल एक डेटा और विश्लेषण कंपनी है तथा मूडीज इनवेस्टर सर्विस जो रेटिंग सेवा देती है, के बीच अंतर करने में विफल रहा। इसमें कहा गया है कि यह भी आश्चर्यजनक है कि कोई जांच पड़ताल नहीं की गई और पाठकों को मूडीज एनालिटक्स तथा मूडीज इनवेस्ट सर्विस के बीच अंतर के बारे में नहीं बताया गया।

विज्ञप्ति के मुताबिक मूडीज एनालिटिक्स के कर्मचारी कनिष्ठ एसोसिएट अर्थशास्त्री की राय को इस रूप में प्रस्तुत किया गया मानो वह मूडीज एनालिटिक्स की राय है। इसमें कहा गया है, सरकार ने बड़े दु:ख के साथ यह गौर किया है कि मीडिया ने एक कनिष्ठ विश्लेषक की व्यक्तिगत राय को इस रूप में प्रस्तुत किया गया मानो वी रेटिंग एजेंसी के विचार हैं। मीडिया जिस रूप से उसे प्रस्तुत करना चाहता था, उस बात को उस आधार पर पेश किया।