लखनऊ: एसटीएफ और जनपदीय पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करके अनिल दुजाना गैंग/बलराम ठाकुर गैंग के भाड़े पर हत्या करने वाले पाॅच-पाॅच हजार रूपये के 03 इनामी अपराधियों को जनपद गौतमबुद्धनगर में मुठभेड के पश्चात गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की ।

उच्चाधिकारियों द्वारा एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पुरस्कार घोषित संगठित गिरोह तथा जेल से अपराधिक गतिविधियों को अन्जाम देने वाले अपराधियों व उनके शूटरों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये थे, जिसके अनुपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ, उत्तर प्रदेश, लखनऊ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा अजय सहदेव, अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार मिश्रा, एस0टी0एफ0 पश्चिमी उ0प्र0 नौएडा के नेतृत्व में  अभिसूचना संकलन की कार्यवाही हेतु एस0टी0एफ0 पश्चिमी, गौतमबुद्धनगर को निर्देशित किया गया, जिस पर उनके द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ करायी गयी, जिसके दौरान सूचना प्राप्त हुई कि इनामी अपराधी अजय उर्फ लाड्डे अपने साथियोें के साथ गे्रटर नौएडा क्षेत्र में किसी जघन्य घटना को अंजाम देनेे के लिए आने वाला है, एस0टी0एफ0 टीम द्वारा थाना रबुपुरा पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाही प्रारम्भ की गयी तथा थाना रबुपुरा क्षेत्र से मुठभेड के पश्चात उपरोक्त तीनोें अपराधियोें को आज दोपहर  गिरफ्तार कर लिया गया।    

गिरफतार अभियुक्त अजय उर्फ लाड्डे ने पूछताछ पर बताया कि वर्ष 2005 में कंकरखेडा, जनपद मेरठ में आपसी झगडे में मुकेश आदि पर तलवार से हमला कर दिया गया था, इस सम्बन्ध में मुकेश ने थाना कंकरखेडा पर धारा 307 भादवि का अभियोग पंजीकृत कराया था और इस हमले में अजय उर्फ लाड्डे जेल गया था, जो 15 माह के उपरान्त जेल से छूटकर बाहर आया था और अजय उर्फ लाड्डे ने 15 वे दिन ही मुकेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी और इस हत्या में वह और उमाकान्त निवासी कंकरखेडा जेल गये थे। वह सात साल जनपद मेरठ की जेल में रहा ।मेरठ जेल में उसकी मुलाकात रोबिन त्यागी एवं कर्नल गिरी निवासी ग्राम ऐच्छी थाना परीक्षतगढ जनपद मेरठ से हुई। कर्नल गिरी, रूड़की जेल के डिप्टी जेलर की हत्या के केस में बन्द था। कर्नल गिरी, अनिल दुजाना (मुजफ्फरनगर जेल में निरूद्व) का निकट का सहयोगी था। वर्ष-2012 में मेरठ जेल में कैदियोें एवं बंदीरक्षकों के मध्य झगडा हो गया था। इसके पश्चात कई अपराधियोें को मेरठ जेल से अन्य जेल में स्थानान्तरित किया गया था। उसी क्रम में वह भी मेरठ जेल से जनपद बुलन्दशहर जेल में स्थनान्तरित हुआ था, जहाॅ पर उसकी मुलाकात कुख्यात अपराधी बलराम ठाकुर से हुई थी। करीब 6 माह पूर्व जेल से छूटकर बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद योगेश भदौडा के साथी नरेन्द्र के पुत्र विपिन से दोैस्ती हो गयी । उसने बलराम ठाकुर एवं कर्नल गिरी के कहने पर पैसा लेकर कई हत्याओं की योजना बनायी गयी थी।