मुंबई: देश भर में दाल के जमाखोरों पर छापे मारने का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार तक 74,846 मीट्रिक टन से ज्यादा दाल जब्त हो चुकी है, जिसमें आधे से भी ज्यादा यानी लगभग 46, 397 मीट्रिक टन दाल महाराष्ट्र में जब्त हुई है। हालांकि इस जब्ती का बहुत ज्यादा असर खुदरा बाजार पर नहीं दिख रहा है।

नवी मुंबई में स्थित तुर्भे एमआईडीसी के एक गोदाम पर गुरुवार को छापा पड़ा और लगभग 47 करोड़ रुपये की दाल जब्त हुई, लेकिन रात में यहां चोरी छिपे कई ट्रकों से माल निकाल लिया गया। सवाल है कि जब्ती के आंकड़ों की बाजीगरी के बीच कहीं ऐसा खेल देशभर में तो नहीं हो रहा? मामले की जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि राशनिंग अधिकारियों ने माल जब्त करने के बाद गोदाम को सील नहीं किया।

बहरहाल 24 अक्तूबर तक देश भर में कुल 6077 रेड डालकर 74,846  मीट्रिक टन दाल जब्त की गई है। इसमें से अकेले महाराष्ट्र में 46,397  मीट्रिक टन दाल जब्त हुई है। इसके बाद नंबर है कर्नाटक का जहां 8755 मीट्रिक टन दाल जब्त हुई है। पिछले कुछ अरसे में खुदरा बाजार में दाल की कीमत गिरी भी है। एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी वाशी स्थित एपीएमसी मंडी में दाल के थोक कारोबारियों का आरोप है कि प्रशासन चुनकर सिर्फ छोटे कारोबारियों पर हाथ डाल रहा है। उनकी मांग है कि अनाज में वायदा बाजार बंद होना चाहिए।

थोक बाजार में दाल 160-165 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, लेकिन खुदरा बाजार में यह अभी भी 200 के आसपास ही बना हुआ है। सरकार जमाखोरों पर कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन सील किया गया दाल का स्टॉक तब तक अटका रहेगा, जब तक इसकी कानूनी प्रक्रिया पूरी न हो जाए। यानी इससे खुले बाजार में दाल की आपूर्ति प्रभावित होगी और जिस तेजी से दाल के दाम गिरने की उम्मीद है शायद वह मुमकिन न हो।