नई दिल्ली। सरकार ने साफ कर दिया है कि मॉनिटरी पॉलिसी में रेट कट पर रिजर्व बैंक गवर्नर का वीटो पावर जारी रहेगा। सरकार इसमें दखल नहीं देगी। वित्त मंत्रालय ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गठित करने को लेकर मंत्रिमंडल के समक्ष भेजे जाने वाले प्रस्ताव का मसौदा जारी किया है। प्रस्तावित समिति में आरबीआई की भूमिका पहले की तरह महत्वपूर्ण बनाने का प्रावधान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले ही वित्त मंत्रालय ने भारतीय वित्तीय संहिता (आइएफसी) के संशोधित मसौदे को जारी किया था, जिसमें प्रस्ताव था कि शक्तिशाली समिति में सरकार के चार प्रतिनिधि होंगे और दूसरी तरफ केंद्रीय बैंक के “चेयरपर्स” समेत केवल तीन लोग होंगे। संहिता के मसौदे में “रिजर्व बैंक के चेयरपर्सन” का उल्लेख था और न कि गवर्नर का।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार ने एमपीसी पर कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है। आरबीआई काफी विश्वसनीय संस्थान है और प्रस्तावित समिति की संरचना में ऎसा कुछ भी नहीं किया जाएगा, जिससे इसकी भूमिका कम हो।