मुख्यमंत्री ने अरहर की दाल की कीमत में देशव्यापी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी पर चिंता जतायी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की जनता को अरहर की दाल वाजिब दाम पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रत्येक जनपद में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के डिपो के माध्यम से सस्ती दाल उपलब्ध करायी जाएगी। जनता को सस्ती अरहर की दाल राशन कार्ड पर मिलेगी। निगम ‘बिना लाभ-हानि’ के आधार पर दाल की बिक्री करेगा। 

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में दालों की कीमत से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्हांेने दालों, विशेष रूप से अरहर की दाल की कीमत में देशव्यापी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी पर चिंता जताते हुए कहा कि पूरे देश में खाद्यान्नों की कीमत को काबू में रखना केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। राज्य सरकार प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए अपने स्तर से जरूरी उपाय कर रही है। उन्होंने जमाखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि भारत सरकार की अधिसूचना के क्रम में दालों के लिए निर्धारित स्टाॅक सीमा को 30 सितम्बर, 2015 तक बढ़ाया गया था। इसके तहत फुटकर विक्रेता, थोक विक्रेता, कमीशन एजेंट निर्धारित मात्रा में स्टाॅक रख सकते थे। बाद में केन्द्र सरकार द्वारा स्टाॅक सीमा की अवधि को अक्टूबर, 2015 तक बढ़ा दिया गया है। 

श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस सम्बन्ध में भारत सरकार को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया जाए कि दालों की निर्धारित स्टाॅक सीमा के लिए लम्बे समय की अवधि तय की जानी चाहिए। लम्बी अवधि के लिए स्टाॅक सीमा के निर्धारण से उसका प्रभावी क्रियान्वयन कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं रसद विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के अधिकारी दालों की कीमतों पर नजर रखें। इसके लिए सघन अभियान चलाकर आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जमाखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। 

मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा यह जानकारी भी दी गयी कि भारत सरकार द्वारा दालों का आयात करने का निर्णय लिया गया है। इसके मद्देनजर श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित करायें कि कर्मचारी कल्याण निगम के माध्यम से आगामी तीन माह के दौरान प्रदेश को प्रति माह न्यूनतम 250 मीट्रिक टन आयातित अरहर की दाल उपलब्ध हो। राज्य की जनता को राहत पहुंचाने के लिए इस सम्बन्ध में प्रभावी प्रयास किया जाना जरूरी है।