नई दिल्ली: पहले प्याज के दाम आसमान पर पहुंचे और अब दाल जो बिहारियों के खाने का अनिवार्य हिस्सा है वो भी भारी पड़ने लगा है, इससे इस चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है। यह निष्कर्ष एक ऑनलाइन सर्वे से निकला है।  आज बिहार में दाल के भाव 200 रुपये के करीब पहुंच गए हैं। चुनावी सरगर्मी के बीच दाल के रिकॉर्ड तोड़ दाम बढ़ने पर राजनीतिक दलों में आरोप प्रत्यारोप भी चल रहा है। भाजपा जहां इसके लिए राज्य सरकार को दोषी ठहरा रही है वहीं नीतीश सीधे तौर पर इसके लिए केंद्र को निशाने पर ले रहे हैं। 

इस सर्वे में करीब 60 प्रतिशत लोगों ने कहा, महंगाई सीधे जनता से जुड़ा मामला है और अधिकांश जनता इसे केंद्र का मामला मानती है और ये भी मानती है कि इससे इस चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है। दाल की महंगाई कैसे केंद्र सरकार का मुद्दा है ये बताने के लिए नीतीश ने अन्य राज्यों में दाल के भाव की तुलनात्मक सारिणी भी कल ट्वीट की थी। उनका मकसद ये बताना था कि अगर दाल के चढ़ते भाव के लिए राज्य सरकार दोषी है तो बाकी राज्यों में क्यों महंगी है दाल।

सर्वे के परिणाम में हालांकि 21 प्रतिशत लोगों ने कहा, दाल की महंगाई बड़ा मुद्दा है और विरोधी पार्टियां इसको बड़ा मुद्दा बना सकती हैं। गौरतलब है कि लालू पहले से ही दाल की महंगाई को लेकर कटाक्षपूर्ण कई बयान और ट्वीट कर चुके हैं। नीतीश सरकार के घिरने पर मात्र आठ प्रतिशत लोग ही सहमत हैं। उनके मुताबिक इसके लिए राज्य सरकार दोषी नहीं है।