लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया कि मैनपुरी काण्ड में एक सोची समझी रणनीत के तहत पुलिस भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को फसा रही है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मैनपुरी में हुये बवाल के दोषियों की पहचान होने के बावजूद राज्य सरकार ने बचाने में जुटी है। वाराणसी में फुटेज और फोटोग्राफ के सहारे पहचान करने का दावा करती अखिलेश की पुलिस मैनपुरी में दोहरा मापदण्ड अपना रही है। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए विरोधाभाषी बयान और कार्य करने में अभ्यस्त प्रशासन के कारण घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।

प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने करहल मैनपुरी में हुई घटना में जा रहे भाजपा के स्थानीय नेताओं को रोके जाने और उनकी गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य का प्रशासनिक अमला जानबूझ कर अपनी नाकामी छिपाने के लिए इस मामले को राजनैतिक रूप दे रहा है। उन्होनंे कहा कि अखिलेश सरकार के इशारे पर आज पूर्व विधायक राम नरेश अग्निहोत्री, पूर्व विधायक अशोक चैहान, पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह राठौर, पूर्व मंत्री जयवीर सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक गुप्ता सहित सैकेड़ो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

श्री पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार राज्य में होने वाली घटनाओं की जिम्मेदारियों से बचने के लिए हर घटना के लिए भाजपा को दोषी बताने का कोई मौका नहीं छोड़ती। उन्होंने कहा मैनपुरी की घटना के बाद जो तथ्य सामने आये थे उनमें यह साबित हो गया था कि मामले में बवाल के लिए जो लोग जिम्मेदार थे उनमें से अधिकतर सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी से जुड़े थे लेकिन अखिलेश सरकार के इशारे पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने घटना के लिए भाजपा के नेताओं और कार्यकताओं पर ही अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया। आज भी जब स्थानीय भाजपा नेता शांतिपूर्वक घटना की जांच के लिए जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें जबरन रोक कर गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने मैनपुरी पुलिस प्रशासन की पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की निंदा करते हुए मांग की कि पुलिस द्वारा घटना में गलत तरीके से फसाकर जेल भेजे गये निर्दोषो की रिहाई की मांग की जाये।