मुख्यमंत्री ने उर्दू विषय में टाॅप करने वाले छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को किया सम्मानित

तौक़ीर सिद्दीक़ी 

लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उर्दू में टॉप करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में अपने राजनीतिक विरोधियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘साम्प्रदायिक ताकतें हर छह महीने में नया मुद्दा उठाकर उत्तर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने में लगी रहती हैं। यही नहीं ये विरोधी ताकतें मेरे काम में भी हमेशा कमी निकालने में लगी रहती हैं। बदायूं की घटना के दौरान भी इन ताकतों ने यही किया। जिस पर सरकार को जगह-जगह जवाब देना पड़ा, पर जो बताया जा रहा था सच्चाई उसके उलट निकली।’

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बिना उनके मेक इन इंडिया अभियान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ये लोग कह रहे हैं कि देश में निवेश हो रहा है। कोई बताए, कहां हो रहा है निवेश? मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं और इनके लोग यूपी में क्या रहे हैं? मैं ऐसे ही माहौल में उर्दू के बच्चों को सम्मानित कर रहा हूं। पता नहीं, ये लोग इसका भी क्या मतलब निकाल लें।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट 2015 की परीक्षा में उर्दू विषय में अपने-अपने जनपद में टाॅप करने वाले छात्र-छात्राओं एवं इनके शिक्षकों को पुरस्कृत करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने हाईस्कूल के 103 तथा इण्टर के 86 छात्र-छात्राओं को 5,100-5,100 रुपए का चेक, प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो एवं 83 शिक्षकों को क्रमशः 2,100-2,100 रुपए का चेक एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया। उन्होंने हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट 2015 की परीक्षा में उर्दू एवं हिन्दी विषय में अपने-अपने जनपदों में टाॅप करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप देने की घोषणा भी की। इसी समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के साथ अन्याय होने पर उसकी मदद करने पर भी इन लोगों को ऐतराज होता है। हमारी सरकार के अच्छे काम से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये लोग ऐसा करते हैं। ये बेहद चालू लोग हैं। हम लोगों को इनसे होशियार रहना होगा। 

श्री यादव ने कहा कि आजादी के संघर्ष में उर्दू भाषा ने हिन्दी के साथ मिलकर देश को आजाद कराने के लिए तथा स्वतंत्रता आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन इतिहास में कुछ लोग ही अमर हो पाए, बाकी लोगों को भुला दिया गया। उर्दू एक ऐसी भाषा है जो, समाज को जोड़ने एवं समाज में सद्भाव कायम करने में हमेशा आगे रही है।

उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् को जरूरत के हिसाब से आर्थिक मदद उपलब्ध कराई है। इसी प्रकार उर्दू अकादमी को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। दुनिया के विकसित देशों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी भाषा के माध्यम से ही ये देश आज की स्थिति में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मजदूर, गरीब, किसान एवं जनसामान्य उर्दू एवं हिन्दी जुबान ही बोलता है, इसलिए प्रदेश की तरक्की के लिए इन भाषाओं का विकास करना तथा इन्हें प्रतिष्ठा के अनुरूप स्थान दिलाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। तभी समाज की परम्परा, संस्कृति एवं भाईचारा कायम रह सकता है। 

इस मौके पर उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष नजीर देवबंदी और उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद थे।