नई दिल्ली: ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश करने के साथ ही प्रमुख उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि यदि हड़ताल आगे भी जारी रहती है, तो फल, सब्जियों और दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम 15 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। हड़ताल जारी रहने से सरकार के राजस्व में भी 36 करोड़ रुपये तक का प्रतिकूल असर पड़ा है।
ट्रक मालिकों की हड़ताल पर उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा किए गए विश्लेषण में कहा गया है, पिछले पांच दिनों से एक करोड़ से अधिक ट्रक और टैंपो के हड़ताल पर रहने से दूध, फल और सब्जियों जैसी आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की कमी होने लगी है और यदि हड़ताल जारी रहती है, तो उनके दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है।
उद्योग मंडल ने कहा है कि इस हड़ताल से सरकार का 36 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्रभावित हुआ है। ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने 1 अक्टूबर को इस हड़ताल का आह्वान किया। एआईएमटीसी देश में मौजूदा टोल प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रही है।
एआईएमटीसी का दावा है कि पिछले पांच दिनों में हड़ताल की वजह से ट्रांसपोर्टरों को 7,500 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि सरकार को इस दौरान 50,000 करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हुआ है।
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