आगरा में ’एक सुर-एक ताल’ की भव्य प्रस्तुति ऐतिहासिक सफलता के साथ सम्पन्न लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गरिमामयी उपस्थिति में आगरा के एकलव्य स्पोट्र्स स्टेडियम में शुक्रवार को गांधी जयंती के अवसर पर राज्य सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा युवक बिरादरी (भारत) के साथ 11 हजार छात्र-छात्राओं के अभिनव कार्यक्रम ’एक सुर-एक ताल’ की भव्य प्रस्तुति ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व सफलता के साथ सम्पन्न हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में गांधी जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश व प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए बड़ी सोच के साथ कार्य करना होगा। हमारे देष में विभिन्न धर्मों की एकता ही हमारे देश की ताकत है। उन्होंने कहा कि गांधी जी का मानना था कि हमें प्रकृति से उतना ही लेना चाहिए, जितनी हमारी आवश्यकता हो। प्राकृतिक साधनों के अनियंत्रित दोहन से पर्यावरणीय असंतुलन उत्पन्न हो जाता है, जिसे जनान्दोलन से ही रोका जा सकता है। श्री यादव ने कहा कि ‘एक सुर-एक ताल’ का कार्यक्रम पृथ्वी को वर्तमान एवं आगामी पीढि़यों के रहने के योग्य बनाए रखने का एक अभियान है, जिसे छात्रों एवं नौजवानों की ऐतिहासिक भागीदारी से सम्पन्न किया गया है, क्योंकि विश्व का भविष्य युवा पीढी में ही निहित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंसान के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए जन-जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि अनियमित जीवनशैली से पर्यावरण में बदलाव एवं असंतुलन पैदा हो रहा है। विश्व के सामने एक चुनौती के रूप में मौजूद ग्लोबल वार्मिंग के खतरों को खत्म करने के लिए आज मनुष्य को जीवनशैली में बदलाव लाने और नेचुरल रिर्सोसेज के दुरूपयोग के संबंध में सावधान रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक सुर-एक ताल’ जैसे कार्यक्रम के आयोजन से दिलों व हर वर्ग को जोड़ने, राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने, सामाजिक कुरीतियों के प्रति जन जागरूकता पैदा करने, प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरणीय असंतुलन सहित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा एवं आपसी भाईचारे तथा भू0पू0 प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जय जवान-जय किसान के सिद्धान्तों की प्राप्ति के उद्दश्यों में सफलता मिलती है। ऐसे आयोजनों से समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता के मूल संवैधानिक सिद्धान्तों की प्राप्ति के अलावा हमारे देश की बहुभाषीय बहुसंस्कृति, बहुजातीय एवं बहुधार्मिक व्यवस्था होने के बावजूद अनेकता में एकता के राष्ट्रवादी सिद्धान्त को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि एक सुर-एक ताल कार्यक्रम में हिन्दी, बंगाली, मराठी, पंजाबी और उर्दू भाषाओं में स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियां भारत की कौमी एकता एवं साम्प्रदायिक सौहार्द की एक मनोहारी झलक है तथा गांधी जयंती जैसे पावन अवसर पर ऐसा सामाजिक आयोजन सही मायनों में बापू को एक सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समाज के सभी वर्ग पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए एक नये उत्साह से जुटेंगे। ’एक सुर-एक ताल’ कार्यक्रम को देखकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को आगरा से लखनऊ और वाराणसी तक ले जाने के लिए प्रदेश सरकार का पूर्ण सहयोग रहेगा, जिससे पर्यावरण संतुलन के प्रति लोग जागरूक होकर आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आगरा के 16 जिमनास्टों को 50-50 हजार रुपए की धनराशि के चेक प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किए, जिसके अन्तर्गत अग्निवेश पाण्डे, मो0 आरिफ, गगन यादव, रामप्रवेश दुबे, मो0 शम्मी, प्रबल श्रीवास्तव, मो0 बाबी, अरूण कुमार यादव, सुनील पटेल, गुरूमत सिंह, ़ऋषभ निषाद, गौरव कुमार, मो0 राबी, अंकुश कुमार, मो0 जावेद तथा आयुषी शर्मा को 50-50 हजार रुपए के चेक प्रदान किए गए। माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्री महबूब अली ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पठन-पाठन पर आधारित शिक्षा प्रणाली में सामाजिक ज्ञान एवं शिष्टाचार का समावेश जरूरी है तथा ’एक सुर-एक ताल’ अभियान प्रदेश सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा स्वयंसेवी संस्था युवक बिरादरी भारत द्वारा अब तक प्रदेश के 50 जिलों में आयोजित किया जा चुका है। आगरा में आयोजित यह कार्यक्रम इसी श्रंृखला की कड़ी का एक सफलतम आयोजन है। आगरा में वसुंधरा बचाव कार्यक्रम में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं और नौजवान पर्यावरण संतुलन को समर्पित इस विशेष कार्यक्रम का हिस्सा बने हैं, जिसमें गीत-संगीत के साथ पर्यावरण एवं प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों पर समाज को जागरूक किया गया है।