संयुक्त राष्ट्र : शांति के लिए नवाज शरीफ के चार सूत्री फार्मूले को खारिज करते हुए भारत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को एक ही मुद्दे का हल निकालने की जरूरत है और वह है सीमा पार से आतंकवाद की समाप्ति, ताकि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हो सके। यूएन के मंच से भारत ने पाकिस्‍तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि पहले आतंकवाद छोड़ें, तभी बातचीत संभव है। भारत ने यह भी कहा कि हम तैयार हैं, अगर पड़ोसी देश अपने यहां से पैदा हो रहे आतंकववाद को खत्म करने के एक सूत्र का समाधान कर दे।

साथ ही भारत ने समस्या के हल के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बातचीत का भी प्रस्ताव दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने संबोधन में 26 नवंबर को मुंबई में हुए हमले के षड्यंत्रकारियों का जिक्र किया जो पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से पर पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जा किए जाने का भी जिक्र किया। एक दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यहां कश्मीर का मुद्दा उठाया था।

उन्होंने कहा कि हममें से कोई भी यह स्वीकार नहीं कर सकता कि आतंकवाद शासनकला का एक वैध साधन है। सुषमा ने विश्व समुदाय पर यह सुनिश्चित करने के लिए जोर डाला कि आतंकवादियों को वित्तीय मदद, सुरक्षित पनाहगाह और हथियार मुहैया कराने वाले देश ‘भारी कीमत चुकाएं।’ सुषमा ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान से पैदा हो रहा आतंकवाद द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने में बाधक है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि ‘‘बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। विदेश मंत्री ने 193 सदस्यीय निकाय में दिये अपने संबोधन में कहा कि कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक प्रस्ताव दिया था जिसे उन्होंने चार सूत्री नयी शांति पहल कहा था। मैं जवाब देना चाहूंगी। हमें चार सूत्रों की जरूरत नहीं है। हमें सिर्फ एक ही चाहिए, आतंकवाद को त्याग दें और बैठ कर बातचीत करें। उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में उफा में दोनों प्रधानमंत्रियों ने जो चर्चा की थी और जो फैसला हुआ था वह यही था।

उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद से जुड़े सभी मुद्दों पर एनएसए स्तर की बातचीत करें और हमारे सैन्य अभियानों के महानिदेशकों की यथाशीघ्र बैठक हो ताकि सीमा पर स्थिति का समाधान हो। उन्होंने कहा कि अगर जवाब गंभीर और विश्वसनीय है तो भारत द्विपक्षीय वार्ता के जरिये सभी प्रमुख मुद्दों का हल निकालने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरीफ ने जुलाई में उफा में एक बैठक के दौरान आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए एनएसए स्तरीय बातचीत करने पर सहमति जताई थी। लेकिन अगस्त में आखिरी समय पर ये बातचीत तब रद्द हो गईं जब पाकिस्तान ने एजेंडा में परिवर्तन करने पर जोर दिया। सुषमा ने मुम्बई में 26 नवंबर को हुए हमले का जिक्र किया जो पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और नियंत्रित था। उन्होंने जम्मू के उधमपुर में हाल में हुए हमले का भी जिक्र किया जिसमें एक पाकिस्तानी आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था। विदेश मंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 के मुंबई हमलों को लेकर हमारी नाराजगी दुनिया ने साझा की है जिसमें कई देशों के नागरिकों को असहाय स्थिति में बर्बरतापूर्वक मार डाला गया था। उन्होंने कहा कि यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है कि हमलों का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में आजाद धूम रहा है। सुषमा का इशारा लश्कर-ए-तोएबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी की ओर था जो पाकिस्तान में मुक्त घूम रहा है जबकि भारत हमलों में उसकी संलिप्तता के बारे में कई सबूत दे चुका है।

सुषमा ने कहा कि इस संबंध में (पाकिस्तान द्वारा) पूर्व में किया गया वादा पूरा नहीं किया गया और हाल ही में सीमापार से आतंकवादी हमले हुए जिसमें सीमा के दूसरी ओर के दो आतंकियों को जिंदा भी पकड़ा गया। इनमें से एक आतंकवादी जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ के एक काफिले पर हमले के दौरान पकड़ा गया था। भारतीय मंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि ये हमले भारत को अस्थिर करने और भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को तथा राज्य के शेष हिस्से पर उसके दावे को वैध ठहराने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को आतंकवाद का कथित तौर पर समर्थन करने वालों के खिलाफ जांच और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए।