लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने दादरी (ग्रेटर नोएडा) में अल्पसंख्यक समुदाय के एक परिवार पर घर में गोमांस रखने का आरोप लगाकर भीड़ को हमला करने के लिए उकसाने और परिवार के एक सदस्य की पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने की घटना की कड़ी निंदा की है।

पार्टी राज्य सचिव रामजी राय ने कहा कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया, उसमें सांप्रदायिकता फैलाने की गहरी और सुनियोजित साजिश की बू आती है। उन्होंने कहा कि घटना की आड़ में सांप्रदायिक शक्तियां फिर से ‘मुजफ्फरनगर‘ रचने की तैयारी में दिख रही हैं। इसके पीछे मकसद राज्य में अभी चल रहे पंचायत चुनाव के साथ-साथ बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने और 2017 के उ0 प्र0 विधानसभा चुनाव की तैयारी हो सकती है।

माले नेता ने कहा कि दादरी की घटना की आड़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा 11 अक्टूबर को महापंचायत करने की तैयारी और प्रभावित गांव के अल्पसंख्यक परिवारों द्वारा असुरक्ष्ति महसूस कर पलायन करने से पश्चिम उत्तर प्रदेश को एक बार पुनः सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर ले जाने की बड़ी तैयारी का संकेत मिलता है। खास बात यह है कि प्रदेश की सपा सरकार ने लगता है कि मुजफ्फरनगर दंगे से कोई सबक नहीं लिया है। अन्यथा वह पश्चिम उ0 प्र0 को सांप्रदयिकता की प्रयोगशाला बनाने और दादरी की आड़ में मुजफ्फरनगर दुहराने की सांप्रदायिक ताकतों की तैयारी को रोकने के लिए जरुर कड़े कदम उठाती।

माले नेता ने मांग की कि दादरी की घटना के दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाये और इस तरह की घटना की पुनरावृति रोकने के लिए आवश्यक उपाय किये जायें।