दादरी में बीफ और कानपुर में आतंकवादी के नाम पर मुसलमानों को मारने वालों के विरुद्ध हो सख्त कार्रवाही. आइपीएफ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल में भीड़ द्वारा दो लोगों को पीट पीट  कर मारे जाने की घटनाओं से स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून का नहीं बल्कि जंगल राज व्याप्त है।  यह बात आज प्रेस नोट में एस आर दारापुरीए पूर्व आईजी राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने कही।  उन्होंने बताया कि जिस तरह कुछ दिन पहले कानपुर जिले के जारा गाँव में भीड़ द्वारा एक बाहरी व्यक्ति को पाकिस्तानी आतंकवादी कह कर बुरी तरह से पीटा गया और फिर उसे नदी में डुबो कर मार दिया गया यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में कानून का नहीं बल्कि भीड़ का जंगल राज है।  श्री दारापुरी ने आगे बताया कि दो दिन पहले दादरी के बिसराड़ा गाँव में बीफ खाने के नाम पर अख़लाक़ की भीड़ द्वारा की गयी हत्या यह दर्शाती है कि प्रदेश में साम्प्रदायिक ताकतें बिलकुल बेलगाम हो चुकी हैं क्योंकि उन्हें कानून का कोई भी भय नहीं रह गया है।  इस से पहले मुज़फ्फर नगर में साम्प्रदायिक ताकतों ने जिस तरह से प्रदेश के माहौल को साम्प्रदायिकता की दलदल में फंसा दिया था वह भी सपा सरकार की निष्क्रियता और मिलीभगत का ही नतीजा था।  लगता है अब सपा भाजपा से मिल कर प्रदेश में साम्प्रदायिकता फैला कर वोटों के ध्रुवीकरण की राजनीति को तेज कर रही है।  इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में दलितों पर भी अत्याचार निरंतर बढ़ रहे हैं जैस कि हाल में एनसीआरबी द्वारा जारी  किये गए आंकड़ों से स्पष्ट है।  इस से प्रदेश में मुसलामानों और दलितों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। 

अतः आइपीएफ मांग करती है कि अखिलेश सरकार कानपुर और दादरी में दो मुसलामानों को मारने वाले दोषी व्यक्तियों और प्रदेश में पनप रहे साम्प्रदायिक तत्वों और संगठनों के विरुद्ध सखत कार्रवाही करे ताकि प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो और दलित और मुसलमान सुरक्षित महसूस कर सकें।