लखनऊ: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश लखनऊ विश्वविद्यालय इकाई के प्रतिनिधि मंडल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर उच्च शिक्षा से जुडी समस्याओं के समाधान हेतु ज्ञापन सौपा। जिसमे प्रमुख रूप से  जिन शोध छा़त्रों का यूजीसी विनियमन 2009 के पूर्व या बाद में शोध में पंजीकरण हो गया है और वे विनियमन 2009 के न्यूनतम मानक को पूरा करते हैं तो ऐसे पीएच0डी0 धारकों को  नवीन नियमों से मुक्त रखा जाय। 

जो भी केंद्रीय, राज्य विश्वविद्यालय और अनुदानित महाविद्यालय है उनमे जितने भी पाठ्यक्रम यू0जी0सी0 स्तर  पर स्ववित्त पोषित योजनान्तर्गत चल रहे है उन्हें अनुदान पर लिया जाय और इनमे कार्यरत शिक्षको को विनियमित किया जाय। 

संविदा शिक्षक , अतिथि शिक्षक , अंशकालिक शिक्षक आदि नामो से कार्य करने वाले प्राध्यापको को न्यूनतम वेतन एवं सेवा शर्तो का  अविलम्ब निर्धारण कर उनका अनुपालन सुनिशित किये जाय, और भुगतान की कोषागार व्यवस्था हो। 

गृह मंत्री ने आश्वासंन दिया की सम्बंधित विभाग से मैं स्वयं इनका उचित समाधान का अवश्य प्रयास करूगा। प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्षता करते हुए प्रो सोमेश कुमार शुक्ल ने कहा की वार्ता सकारात्मक रही है राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ शिक्षको के अधिकारों का हनन नहीं होने देगा और स्ववित्तपोषित शिक्षको एवं नेट/पीएच0डी0/2009 यू0जी0सी0 अधिनियम की लड़ाई के लिए निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगा। इस अवसर पर महासंघ इकाई के कोषाध्य्क्ष डॉ हरनाम सिंह की पुस्तक कार्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एवं सोशल एन्ट्रेप्रेनुरशिप गृह मंत्री जी को भेट की गयी जिसके लिए गृह मंत्री जी ने कहा की यह तो समय की माँग  है।