महिन्द्रा समूह ने अपनी वार्षिक सस्टेनबिलिटी रिर्पोट का 8वां संस्करण जारी किया जो अधिक पर्यावरण अनुकूल होने के समूह के प्रयासों का विवरण देता है। इन मुहिमों का संचालन समूह की उन्नति करने के सिद्वांतों और इसके तीन खम्भों – सीमा नहीं बधना, वैकल्पिक सोच और सकारात्मक बदलाव संचालन से है। 

रिर्पोट जारी करते हुए महिन्द्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिन्द्रा ने कहा कि इस वर्ष की सस्टेनबिलिटी रिर्पोट की थीम -बिजनेस वाइज इस वास्तविकता पर प्रकाश डालती है कि यह महिन्द्रा समूह की व्यवसाय योजनाओं और संचालनों का एक अभिन्न हिस्सा है। सस्टेनबिलिटी के लिए हम अपने अभिगम को तेज कर रहे है और यह रिर्पोट हमें सस्टेनबिलिटी पर रिर्पोट करने के लिए वैश्विक सम्मानीय जीआरआई जी4 मार्गदर्शन की ओर ले जाती है।’’ 

महिन्द्रा समूह की संभी कंपनियां स्वयं के लिए सस्टेनबिलिटी की अवधारणा को सुचारू एवं कस्टमाइज करने के लिए प्रयास कर रही है, जो मुख्य मुद्दों की समझ के आधार पर है, जिसका असर उनके व्यवसाय पर होता है। इसमें बहुस्तरों पर स्ट्रक्चर्ड स्टेकहोल्डर आबंधन शामिल है। इन मुहिमों से जो रोडमैप उभरा है, वह है इको-कार्यक्षमता में उत्कृष्टता की ओर समूह चार्टिंग। 

2014-15 के दौरान समूह को अपनी सस्टेनबिलिटी यात्रा पर अच्छी उपलब्धि हासिल हुई, जिनमें जल के प्रति सकारात्मक होना, माना जाता है कि निकट भविष्य में भारत जल तंगी  के पथ पर है। महिन्द्रा का सूक्ष्म सिंचाई व्यवसाय ने समूह को जल के प्रति सकारात्क बनाने में मुख्य भूमिका निभाई है। महिन्द्रा गत वर्ष 6.1 मिलियन घन मीटर्स जल उपयोग किया था, जबकि सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम लगाने से अकेले गुजरात ने 8.4 मिलियन घन मीटर्स जल की बचत की है।