डाॅक्टरों के लिए ‘एडवांस टेक्नोलाॅजी मास्टर क्लास‘ सेमिनार आयोजित

लखनऊ। नवाबों के शहर लखनऊ में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जनों को घुटने के जोड़ व कूल्हे के प्रत्यारोपण सर्जरी की आधुनिक व नवीन तकनीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए होटल क्लार्क अवध में सेमिनार ‘ एडवांस टेकनोलाॅजी मास्टर क्लास‘ (एटीएम) आयोजित किया गया। इस सेमिनार का उद्देश्य लखनऊ व इसके आसपास के इलाकों के रोगियों व सर्जनों को ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की आधुनिक तकनीकों के फायदों की जानकारी देना है। आयोजन चैयरपर्सन डाॅ. संजय कुमार श्रीवास्तव का कहना है, ‘‘ भारत में पिछले कुछ सालों से नई तकनीकों के आगमन से ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में एक नया आयाम आया है। आज हम विश्वस्तरीय प्रत्यारोपण और तकनीकों के माध्यम से रोगियों की जिंदगी में सुधार कर सकते है। रोगियों की बेहतरी के लिए हम चाहते है कि टायर 2 और टायर 3 शहरों में भी सर्जनों को नई और आधुनिक तकनीकों की जानकारी हो जिससे नाॅन मेट्रªों में रहने रोगियों को उन्हीं के शहर में बेहतर उपचार मिल सके।‘‘ 

इस सेमिनार में देश भर के कई जाने माने सर्जनों व डाॅक्टरो ने हिस्सा लिया जिसमें रेडियस ज्वांइट सर्जरी अस्पताल के डाॅ. संजय कुमार श्रीवास्तव, नई दिल्ली के अपोलोअस्पताल के डाॅ. (प्रोफेसर) राजूवैश्य, रोजकोट के प्राथकृपाअस्पताल के डाॅ. केतन शाह शामिल थे।

डाॅ. श्रीवास्तव ने विस्तार से समझाते हुए कहा, ‘‘ विभिन्न केस स्टडी के माध्यम से एटीएम प्रोगाम में नए युवा सर्जनों को आधुनियों तकनीकों के बारे में शिक्षित करने का बेहतरीन मौका है। इस सेमिनार में हड्डियों की ट्रेनिंग और कई जटिल क्लिनिकल मुद्दों का सेशन हुआ।‘‘

एटीएम सेमिनार में डाॅ. राजू वैश्य और डाॅ. संजय कुमार श्रीवास्तव ने दो सफल तकनीकों के बारे में बताया। भारत का पहल ामाॅडयूलर डुअल मोबेल्टी हिपरिप्लेसमेंट सिस्टम एमडीएम और सिंगल रेडियस तकनीक पर आधारित घुटनों के सिस्टम ट्रायथलाॅन एक्स थ्री शामिल किए गए है।

ट्रायथलाॅन नी सिस्टम के बारे में युवा सर्जनों को समझाते हुए डाॅ. केतन शाह ने बताया‘‘ ट्रायथ लाॅन नी सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे ये रोगियों की लाइफ स्आइल रिकवरी की अपेक्षाओं पर खरी उतरती है। इस सहज व विकसित डिजाइन की मदद से दुनिया भर के लाखों घुटने के प्रत्यारोपण में क्लिनिकल सफलता मिली है। ट्रायथलाॅन नी सिस्टम का डिजाइन रोगियों को प्राकृतिक घुटने जैसी गतिशीलता प्रदान करता है और लंबे समय तक स्थिर रहता है। ट्रायथलाॅन नी के बेहतरीन व विशिष्ट डिजाइन की वजह से घुटने की प्राकृतिक गतिशीलता जैसा अनुभव होता है और ये 150़डिग्री के घुमाव की वजह से स्थिर गतिशीलता प्रदान करता है।‘‘

भारत में पहले माॅडयूलर डुअल मोबेल्टी हिपरिप्लेसमेंट सिस्टम एमडीएम एक्स 3 के बारे में बताते हुए डाॅ. राजू वैश्य और डाॅ. विनीत अग्रवाल कहते है, ‘‘ ये तीसरी जनरेशन का डुअल मोबेल्टी उपकरण है जो सर्जन को दोहरी मोबेल्टी तकनीक के लाभ के साथ व्यापक रोगियों की जनसंख्या के लिए फायदेमंद है। एमडीएम एक्स 3 डिजाइन स्थिरता और कूदने के दूरी को बढ़ाता हैजो कुछ रोगियों की गतिशीलता की रेंज को बढ़ाता है।‘‘