दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा, वहीं हॉस्पिटल्स की ओर से लापरवाही और अनदेखी की घटनाएं बार बार सामने आ रही हैं। एक के बाद एक आती दुखद घटनाओं में नोएडा के दादरी इलाक़े का भी एक अध्याय जुड़ गया। यहां पति की डेंगू से मौत के बाद महिला ने आत्महत्या कर ली।

रेखा नाम की इस महिला ने पति पुष्पेंद्र के अंतिम संस्कार के बाद अपने कमरे में पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी। परिवार वालों के मुताबिक, पुष्पेंद्र को डेंगू हुआ था और उनके इलाज के लिए वे लोग उसे लेकर कई अस्पतालों में भटके।

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने उन्हें बेड न होने की बात कह कर लौटा दिया था। इसके बाद पुष्पेंद्र को नोएडा के अस्पताल में लाया गया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

डेंगू से दिल्ली के देवली इलाक़े में भी 38 साल के हरीश  नामक युवक की शनिवार को डेंगू से मौत हो गई थी। हरीश के परिवार वालों का आरोप है कि जब उन्हें बुखार हुआ तो मदन मोहन मालवीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने डेंगू का टेस्ट किए बिना बुखार का इंजेक्शन लगाकर वापस भेज दिया। इसके बाद अन्य हॉस्पिटल्स में भटकने के बाद जब तक पता चलता कि उन्हें डेंगू है, तब तक हालात काबू से बाहर हो गए थे।

शुक्रवार को 11 साल के मोहम्मद और 12 साल लड़की किरण कुमारी की डेंगू से मौत हो गई थी। इसके अलावा पूर्वोत्तर दिल्ली स्थित नई सीमापुरी निवासी 17 वर्षीय ऋषभ की गुरुवार को गाजियाबाद में मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में मौत हो गई थी। उसके परिवार ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और दावा किया कि अस्पताल ने उन पर जरूरत से ज्यादा फीस लगाई।