लखनऊ: वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं सपा के प्रमुख प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव ने केन्द्र सरकार से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी शेष फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का इतिहास भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम एवं समाजवादी आन्दोलन का महत्वपूर्ण थाती है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने हरीपुरा अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में स्पष्ट शब्दांे में कहा था कि मैं भारत में समाजवादी गणतंत्र चाहता हूँ और स्वतन्त्रता बिना समाजवाद के अधूरा है। उन्होंने कहा था कि संसार की तरह भारत की भी समस्याओं का निवारण सिर्फ समाजवाद से ही सम्भव है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़े सभी दस्तावेजों को बु़द्धिजीवियों एवं शोधार्थियों के लिए उपलब्ध कराना चाहिए। सभी फाइलों के सार्वजनिक होने के बाद यह अपने आप स्पष्ट हो जाएगा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारत को आजाद करा कर यहां पर गणतंात्रिक समाजवाद की स्थापना करना चाहते थे। सुभाष चन्द्र बोस और राम मनोहर लोहिया ने कोलकाता में अखिल बंग विद्यार्थी परिषद के अधिवेशन में इस विचार को साझा किया था। 1942 में लोहिया जी ने भूमिगत जीवन के दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से कोहिमा में सम्पर्क स्थापित किया था, चंूकि सुभाष चन्द्र बोस की विचारधारा समाजवाद थी, इसलिए केन्द्र सरकार उनके प्रति नकारात्मक एवं उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। उल्लेखनीय है कि श्री यादव ने 23 जनवरी 2015 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जयंती के अवसर पर लखनऊ स्थित विश्वसरैया सभागार में नेताजी से जुड़े सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की थी। शिवपाल सिंह ने केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा के बयान की कटु आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस लोग मुसलमानों की देश भक्ति पर सवालियां निशान लगाना बंद करें। आजादी की लड़ाई में अशफाक उल्ला खां, अज़ीम उल्ला खां, मौलाना आजाद की भूमिका किसी भी धर्मावलम्बी से कम नहीं थी। वीर अब्दुल हमीद की शहादत व देश प्रेम पर उंगली नहीं उठाई जा सकती है।