लखनऊ। निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने के बाद सतर्कता अधिष्ठान ने विवेचना शुरू कर दी है। निदेशक सतर्कता अधिष्ठान भानु प्रताप सिंह का कहना है कि आरोपों का परीक्षण शुरू हो गया है। उधर, अमिताभ ने इस जांच को एकतरफा और पक्षपात पूर्ण बताते हुए एफआइआर की कॉपी और सतर्कता की खुली जांच की रिपोर्ट मांगी है। 

अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आय से करीब एक करोड़ रुपये ज्यादा व्यय के मामले में बुधवार को गोमतीनगर थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना शुरू हो गयी है। उधर, अमिताभ ठाकुर खुद गुरुवार को सतर्कता अधिष्ठान के मुख्यालय पहुंच गये और निदेशक को पत्र लिखकर एफआइआर की प्रति मांगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न अखिलेखों से मात्र इतना ज्ञात हुआ कि पहले कोई गोपनीय जांच हुई और फिर खुली जांच हुई। मुझे अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि मेरे ऊपर वास्तविक आरोप क्या हैं। एसपी सीआइएस ने सिर्फ यही बताया कि आपकी परिसंपत्ति की जांच हो रही है। मुझे तो बिना अवसर दिये ही निष्कर्ष निकाल लिया गया। ठाकुर का कहना है कि वैधानिक दृष्टि से यह सर्वथा अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा है कि जांच में सहयोग न करने का आरोप बेबुनियाद है।