लखनऊ: दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल के अन्र्तगत हर साल की तरह इस साल भी ईद -उल-अज़हा हेल्प लाइन की शुरूआत की गयी है। इस हेल्प लाइन से लोग फोन और वेब साइट के जरिए 15 सितम्बर 2015 से 27 सितम्बर 2015 तक दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक कुर्बानी हज व उमरा और अन्य समस्याओं से सम्बंधित सवालात मालूम कर सकते हैं। जिनके जवाबात इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिजम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की अध्यक्षता में उलमाक्राम का एक पैनल देता है। लोग अपने सवालात इन नम्बरों 94150.23970, 93359.29670, 94151.02947, 9236064987,  और वेब साइट www.farangimahal.in  पर मालूम कर सकते है। आज पूछे गए सवालों में से कुछ निम्नलिखित हैंे:

सवाल: 1 कुर्बानी किस पर वाजिब है? मुराद आलम, इन्द्रानगर, लखनऊ

जवाब: 1 कुर्बानी हर उस मुसलमान, आकिल, बालिग़ और मुकीम पर वाजिब है जिसके पास कुर्बानी के दिन जरूरत से जायद साढ़े बावन तोला चाँदी या उसकी कीमत के बराबर रूपया या तिजारत का माल या और कोई सामान हो।

सवाल: 2 अगर बकरा मुकम्मल एक साल का है लेकिन उसके दाँत नही निकले तो क्या उसकी की कुर्बानी सही है? अकरम शरीफ, बड़ा गाँव, बाराबंकी।

जवाब: 2 सही है। बस एक साल का होना शर्त है। दाँत निकलना जरूरी नही।

सवाल: 3 एक आदमी निसाब का मालिक नही है मगर उसने एक बकरा कुर्बानी की नियत से पाल रखा है तो क्या उसे बेच सकता है? शमीम अख़तर,, निरालानगर

जवाब: 3 इस बकरे को बेच नही सकता बल्कि उस पर कुर्बानी वाजिब है।

सवाल: 4 एक औरत के शौहर का इंन्तिकाल हो गया है वह निसाब की मालिक है तो क्या वह अपने दामाद के साथ हज करने जा सकती है? जैद अलतमिश, फैजाबाद

जवाब: 4  इद्दत गुजरने के बाद दामाद के साथ हज के सफर पर जा सकती है।

सवाल: 5  मैंने पिछले साल अपने नाम से कुर्बानी कराई थी तो क्या इस साल अपने बड़े भाई की तरफ से करवा सकते है? नदीम अनवर, तोड़या गंज

जवाब: 5  जिस पर कुर्बानी वाजिब है उसे हर साल अपनी तरफ से एक कुर्बानी करनी होगी अगर वुसअत है तो दूसरी कुर्बानी किसी और के नाम से करवा सकते हैं।