लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि प्रबंध समिति की 41वीं बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि का विलय निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उत्तर प्रदेश में नहीं किया जायेगा। बैठक में प्रमुख सचिव राज्यपाल जूथिका पाटणकर, कामिनी चौहान रतन, सचिव, वित्त, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ, कर्नल के0एस0 चैधरी, केन्द्रीय सैनिक बोर्ड, भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली, बिग्रे0 एम0सी0 पंत, प्रतिनिधि मध्य कमान, मुनीन्द्र कुमार सिंह, विशेष सचिव, समाज कल्याण विभाग, लखनऊ, विंग कमाण्डर ए0के0 सिन्हा  (सेवानिवृत्त) प्रतिनिधि एएफए, ब्रिगे0 अमूल्य मोहन, सचिव, उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि सहित सेना एवं राजभवन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि सैनिक पुनर्वास निधि की पिछली बैठक  13 अगस्त, 2015 में उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि का विलय निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उत्तर प्रदेश में करने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। जिस पर तत्समय निर्णय लिया गया था कि नीतिगत प्रकरण होने के कारण, प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों तथा कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव पर आगामी बैठक में निर्णय लिया जायेगा। 

राज्यपाल ने कहा कि पूर्व में बनी उपसमिति निधि के कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए विचारोपरान्त एक प्रस्ताव दे जिसमें उनके सेवानिवृत्ति के उपरान्त कर्मचारियों को क्या सुविधायें अनुमन्य हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यदि आवश्यक हो तो निधि के उपनियम को भी संशोधित करने पर भी विचार करें।

श्री नाईक ने बैठक में यह भी कहा कि निधि के आय के स्रोत बढ़ाने हेतु अन्य विकल्पकों एवं नये प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हो। उन्होंने कहा कि निधि के कार्पस फण्ड को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को भी मांग पत्र भेजा जाय।