नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सात साल के बच्चे अविनाश राउत की डेंगू से मौत होने के बाद उसके मां बाप ने घर की चौथी मंजिल से कूदकर ख़ुदकुशी कर ली। यह घटना दिल्ली के लाडो सराय इलाके की है जहां एक उड़िया दंपत्ति का लिखा एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होनें मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उनके बच्चे अविनाश की मौत से वह काफी दुखी हैं और उन्हें लगता है कि उनका बच्चा उन्हें बुला रहा है।

पड़ोसियों के मुताबिक 7 सितंबर की शाम बच्चे की तबियत बिगड़ गई जिसके बाद पहले बच्चे को साकेत के मैक्स और फिर मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल ले जाया गया। दोनों ही अस्पतालों ने बेड न होने की बात कहकर बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया जिसके बाद बच्चे को तुग़लक़ाबाद इलाके के बत्रा अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। 

इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दिल्ली सरकार ने साकेत के मैक्स और मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल को नोटिस जारी किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दोनों ही अस्पतालों के लायसेंस भी रद्द किए जा सकते थे लेकिन डेंगू के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से ऐसा करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है।

वहीं मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल का कहना है कि जब बच्चे को लाया गया तब उसकी पल्स काफी कम थी और उसका इलाज भी किया गया था। लेकिन बेड की कमी की वजह से उसे बत्रा अस्पताल भेज दिया गया जिसके लिए मूलचंद ने अपनी ही एम्बुलेंस का प्रबंध करवाया था। इस मामले पर मैक्स अस्पताल से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।