लखनऊ: प्रदेश के लघु सिंचाई, भूगर्भ एवं पशुधन मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने आज बापू भवन सभागार में लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि किसानों के बीच जागरूकता फैलाई जाय कि पाइप द्वारा सिंचाई करने से कितनी मात्रा में पानी की बचत होती है और पानी की बचत से उनकों क्या फायदा मिलेगा।

लघु सिंचाई मंत्री ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री पेयजल योजना के क्रियान्वयन में अभियंताओं द्वारा दिलचस्पी नहीं ली जा रही है तथा शासन को कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं भेजा गया है। उन्होंने योजना में शासन को प्रस्ताव भेजने के लिए 15 दिन का समय दिया। 

श्री राजकिशोर सिंह ने इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत चैकडैम निर्माण, तालाबों का निर्माण/जीर्णोंद्धार, निःशुल्क बोरिंग योजना गहरे, मध्यम गहरे तथा सामूहिक नलकूपों के उर्जीकरण एवं जल वितरण प्रणाली,

 लघु सिंचाई भण्डार के भौतिक सत्यापन आदि योजनाओं की गहन समीक्षा की, उन्होंने कहा कि यदि कुयें/तालाब सूखे पाये गये तो संबंधित अभियंताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी उन्होंने कुओं के गहरीकरण के लिए 15 दिन का समय दिया तथा नलकूपों के उर्जीकरण के सत्यापन का कार्य पूर्ण करने के लिए 10 दिन का समय निर्धारित किया। 

उन्होंने कहा कि अभियंतागण ऊर्जा विभाग की ऊर्जीकरण की रिपोर्ट पर ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर लेते हैं जो कि सही नहीं है, निरीक्षण में यह रिपोर्ट गलत मिलती है, उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर योजनाओं के सत्यापन के लिए अवर अभियंता, अधिशासी अभियंता के साथ-साथ अधीक्षण अभियंता भी बराबर के उत्तरदायी माने जायेंगे।