लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा दिये गये बयान की कंाग्रेस पार्टी कड़ी निन्दा करती है। ऐसा प्रतीत होता है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया भारतीय जनता पार्टी की भाषा बोलने पर अमादा हो गये हैं। क्योंकि 17अगस्त,2015 को विधानसभा घेराव में पचासों हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ में एकत्रित होकर अखिलेश यादव की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया और इस सरकार की बर्बरतापूर्ण लाठियां भी जब कंाग्रेसजनों के संकल्प को डिगा नहीं पायीं तो श्री मुलायम सिंह यादव मैनपुरी में कांग्रेस खत्म हो गयी, जैसी ओछी बयानबाजी पर उतर आये हैं।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान में कहा कि सपा मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव शायद भूल गये हैं कि उनकी पुत्रवधू एवं मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की पत्नी सांसद श्रीमती डिम्पल यादव जी को फिरोजाबाद के संसदीय चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार श्री राजबब्बर ने धूल चटाने का काम किया था। शायद श्री मुलायम सिंह यादव जी को यह भी याद नहीं है कि 130 वर्ष पुरानी कंाग्रेस पार्टी जिसने देश को आजादी दिलायी। लम्बे समय तक देश और उत्तर प्रदेश में शासन करके जनता और समाज के उत्थान के लिए कार्य किया। पहली बार देश के अन्दर पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार और उ0प्र0 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी  है। यह दोनों दल इस मुगालते में हैं कि जैसे लग रहा है कि सत्ता से अब यह बाहर नहीं होंगे और अहंकार में चूर होकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि इनकी जनता के प्रति जो जवाबदेही है और जिसके लिए चुने गये हैं उसे देनी चाहिए।  

प्रवक्ता ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव की कथनी और करनी में हमेशा विरोधाभास रहा है। चाहे कम्युनिष्ट पार्टी के साथ हो या सुश्री ममता बनर्जी के साथ राष्ट्रपति के चुनाव का मामला रहा हो अथवा अभी-अभी जनता परिवार को बिहार चुनाव के पहले एकत्रित होकर महागठबंधन के नेतृत्व का सवाल हो, उन्होने हमेशा पलटीमार की राजनीति को ही प्रश्रय दिया है। क्योंकि पहली बार उत्तर प्रदेश की सरकार यादव सिंह जैसे भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गयी। यादव सिंह प्रकरण पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के तमाम नेता यदि जांच निष्पक्ष हुई तो उसमें शामिल पाये जायेंगे। इसलिए श्री मुलायम सिंह यादव अब भारतीय जनता पार्टी के सुर के साथ सुर मिला रहे हैं। जनता के सामने अब वह पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। यही कारण है कि अब वह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।