एथेंस : यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने गुरुवार रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश में नए सिरे से चुनाव कराने का आह्वान किया। अपनी ही पार्टी के भीतर बगावत पैदा होने के बीच सिपरस ने देश के भारी वित्तीय सहायता कार्यक्रम का बचाव किया।

यूनानी संवाद समिति एएनए ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि चुनाव 20 सितंबर को होने की संभावना है। आज रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सिपरस ने कहा कि मैं जल्द ही राष्ट्रपति से मिलूंगा और अपना तथा अपनी सरकार का इस्तीफा उन्हें दूंगा। उन्होंने कहा कि जनवरी में पदभार संभालने के बाद से मैंने जो कुछ भी किया मैं उसे यूनान की जनता के सामने रखना चाहता हूं ताकि वे एक बार फिर निर्णय कर सकें। इस कदम से यूनान सरकार चुनाव तक कार्यवाहक सरकार के हाथों में आ गई है।

यूनान द्वारा आज ईसीबी को भारी रिण चुकाए जाने के बाद सिपरस की यह घोषणा आयी। आज रिण चुकाए जाने के बाद यूनान का तीसरा विशाल वित्तीय सहायता कार्यक्रम प्रभावी तरीके से शुरू हो जाएगा जो अगले तीन साल के लिए 86 अरब यूरो है। देश के करिश्माई युवा प्रधानमंत्री ने यह नया दांव खेला है जिन्होंने पिछले महीने यूनानियों को जनमत संग्रह के जरिए कडे सुधारों को नकारने के लिए मनाया था। एक सप्ताह बाद ही यूरो जोन शिखर बैठक में इन्हें स्वीकार कर लिया गया। अपनी सरकार की सुलह समझौते की नीतियों को सही ठहराते हुए कहा कि यूनान ने यूरोजोन के अन्य देशों से तीन साल के लिए 86 अरब यूरो के वित्तीय सहायता कार्यक्रम के जरिए सर्वाधिक श्रेष्ठ संभावित सौदा किया। उन्होंने कहा कि देश को पैसा मिल गया है और अब वह ‘गहरी नैतिक’ जिम्मेदारी महसूस करते हैं कि न्याय के लिए अपने आप को जनता के सामने पेश कर दें।

पिछले दिनों गहरे आर्थिक संकट से गुजरे यूनान में प्रधानमंत्री सिपरस को शुक्रवार को संसद में गहरा आघात लगा। सत्तासीन वामपंथी सीरिजा पार्टी में 149 सांसदों में से 43 सांसदों ने ऋणदाताओं की मितव्ययता की नयी मांग का विरोध करने या दूर रहने का फैसला किया। देश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण आज यूनान का स्टाक 3. 5 फीसदी गिर गया।