राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि बैठक की अध्यक्षता की

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि, राम नाईक ने आज प्रबंध समिति की 40वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अटारी प्रक्षेत्र के सीमांकन के लिए मण्डलायुक्त लखनऊ की अध्यक्षता में लखनऊ एवं हरदोई के मुख्य विकास अधिकारी तथा वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके 15 दिन के अंदर निर्णय लिया जाए। ऊसर भूमि को ऊपजाऊ बनाने के लिए मृदा परीक्षण करवाकर पूरी भूमि को उपयोग करने लिए अन्य उत्पादक तरीकों पर भी विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त भूमि पर नियमों का पालन करते हुए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये जाने पर विचार किया जाए। 

ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 सैनिक पुनर्वास निधि प्रक्षेत्र अटारी, लखनऊ माल भरावन रोड पर माल विकास खण्ड से लगभग 5 किलोमीटर उत्तर की ओर स्थित है। इस प्रक्षेत्र का क्षेत्रफल 543.34 हेक्टेयर (1342.05 एकड़) है जिसमें लखनऊ जनपद में 1082.96 एकड़ तथा हरदोई जनपद में 259.09 एकड़ भूमि सम्मिलित करते हुए प्रक्षेत्र चार प्रखण्डों में विभक्त है।

बैठक में पूर्व राष्ट्रपति स्व0 डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम को मौन धारण करके श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। राज्यपाल ने कहा कि देश की सुरक्षा में डाॅ0 कलाम का अप्रतिम योगदान रहा है। ऐसे में उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बैठक में जीओसी सब-एरिया मेजर जनरल मालवे, प्रमुख सचिव राज्यपाल सुश्री जूथिका पाटणकर, श्री कामिनी रतन चैहान सचिव वित्त, श्रीमती ईवा शर्मा वन संरक्षक, बिग्रेडियर अमूल्य मोहन, एसएम, वीएसएम (अवकाश प्राप्त) सचिव उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि व सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 

श्री नाईक ने टीसीएल कालोनी सरोजनी नगर में भूतपूर्व सैनिकों एवं आश्रितों के लिए हाॅस्टल निर्माण कराये जाने की चर्चा पर कहा कि एक समिति का गठन किया जाए जो विचार करेगी कि उक्त भूमि को आय बढ़ाने की दृष्टि से व्यवसायिक रूप में कैसे प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समिति गठन करके 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 

बैठक में निधि द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी चर्चा की गयी एवं निधि मुख्यालय तथा कृषि प्रक्षेत्र अटारी के वर्ष 2014-15 के लाभ-हानि खाता, बैलेंस शीट का अनुमोदन एवं पूर्व में 19 मार्च, 2015 को आयोजित बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि भी की गयी।