लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने सचिवालय के भीतर कथित रूप से ‘एक कुत्ते’ द्वारा कई महत्वपूर्ण फाइलों को फाड़ने की घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए घटना के पीछे किसी साजिश की आंशका व्यक्त की हैै। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पहले स्वस्थ्य भवन में दो-दो बार लगी आग और अब अतिसुरक्षित सचिवालय के भीतर ‘कुत्ते’ द्वारा फाइलों को नुकसान पहुंचाये जाने की खबर से कई सवाल खड़े हुए है ? उन्होेंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कैसे जानवर जान रहा है कि उसे कौन सी पत्रावली पर केंद्रित होना है। क्योंकि चर्चा तो यहां तक है कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव से जुड़ी पत्रावली को भी नुकसान पहंुचा है।

सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर अखिलेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि एनआरएचएम के चर्चित घोटाले को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भुमिका अदा करने वाले स्वस्थ्य भवन में पहली बार लगी आग की जांच कर रही एसटीएफ की रिपोर्ट आ पाती उसके पहले ही फिर दोबारा वहां आग लग जाती है। तो तथ्य प्रकाश में आ रहे है उनसे स्पष्ट हो रहा है कि दोनों बार लगी आग नियोजित थी। तथ्यों और सबूतों में हेर-फेर करने में जुटे लोग योजनापूर्वक अपने कारनामों को अंजाम दे रहे है। चर्चित एनआरएचएम घोटाले से सबक लेने के बजाय अखिलेश सरकार ने उन्ही घोटालेबाजो साजिशकर्ताओं पर भरोसा जताया। इतना बड़ा घोटला होने बावजूद भी कुछ नहीं बदला, बदला है तो सिर्फ नाम और फर्में पूरे विभाग को आज भी अपरोक्ष रूप से वही लोग चला रहे है जो एनआरएचएम घोटाले की आरोपों की जद में है।

उन्होंने ‘कुत्ते’ द्वारा कथित रूप से फाइलों को नुकसान पहंुचाये जाने की घटना को संदिग्घ बताते हुए कहा कि आखिर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यायलों को दिये जाने वाले अनुदान, मान्यता आदि से जुड़ी उन महत्वपूर्ण फाइलों को ही कुत्ते द्वारा नुकसान पहुंचाये जाने की बात क्यों कहीं जा रही है ? जबकि अनुदान के नाम पर चल रहे ‘खेल’ पर कई बार सवाल उठ चुके है। उन्होंने हादसे के पीछे किसी सोची समझी साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं न कहीं खुद की गर्दन को बचाने के लिये इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है। जिस तरह से बाते प्रकाश में आयी है उसमें कार्मिक विभाग से जुड़ी पत्रावलियों के नुकसान के समाचार है। यहां तक की अनिल यादव से सम्बन्धित पत्रावलियों के नुकसान होने की जानकारियां भी आ रही है।

श्री पाठक ने कहा कि सबूतों और तथ्यों को नष्ट करने की साजिश से इस घटना में इंकार नहीं किया जा सकता जिस प्रकार स्वास्थ्य विभाग में लगी आग की जांच एसटीएफ कर रही है और शुरूआती जानकारियां बाहर आ रही है उनसे स्पष्ट है कि योजनापूर्वक आग लगाई गयी हैं। अब यहां भी जिस तरह के समाचार है उसमें आवश्यक है कि इस पूरे मामले की भी उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। कौन-कौन सी पत्रावलियां नष्ट हुई है उन्हें सार्वजनिक किया जाये।