काकोरी शहीद स्मारक जाकर राज्यपाल ने श्रद्धांजलि दी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज काकोरी शहीद स्मारक में काकोरी रेल घटना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर कहा कि 9 अगस्त, 1925 भारत की आजादी की लड़ाई का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिवस है। काकोरी रेल घटना को अंजाम देने वाले सच्चे देशभक्त थे। उनका लक्ष्य लूट नहीं देश को आजाद कराना था। उन्होंने सुझाव दिया है कि काकोरी रेल घटना को काकोरी काण्ड न कहकर काकोरी स्वतंत्रता संघर्ष कहा जाय। यह बात केवल काकोरी घटना के लिए ही लागू नहीं होती बल्कि स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी अन्य घटनाओं के संदर्भ में भी है। अंग्रेज हुकुमत ने 1857 के पहले स्वतंत्रता समर को बगावत का नाम दिया। समय के साथ अर्थ-भाव भी बदलते हैं। इसलिए काकोरी काण्ड न कहकर आयोजन समिति कोई उपयुक्त नाम का सुझाव दें। लखनऊ की सड़कों का नाम काकोरी के शहीदों के नाम पर रखा जाय तो युवा पीढ़ी के सामने देश का सही इतिहास सामने आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि काकोरी के शहीदों की याद भव्य रूप से मनायी जाए जिससे काकोरी शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ से पूरा मैदान छोटा लगने लगे। 

श्री नाईक ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई जैसा कोई भेदभाव नहीं था। सभी ने मिलकर देश को आजाद कराने में अपना योगदान दिया था। आज देश को बनाने और विकास के पथ पर ले जाने के लिए उसी एकजुटता की जरूरत है जैसी हमारे बलिदानियों ने मिसाल के रूप में प्रस्तुत की थी। एकता और सौहार्द्र के आधार पर भारत को फिर से विश्व गुरू बनाने की पहल करें। उन्होंने लोगों का आहवान किया कि अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और प्रमाणिकता के साथ करें तथा स्वराज का सुराज में बदलने के लिए अपना योगदान दें। श्रद्धांजलि को केवल औपचारिकता न बनायें बल्कि सार्थक बनाकर शहीदों के बलिदान को व्यर्थ न होने दें। 

राज्यपाल ने कहा कि आज काकोरी रेल घटना को 90 साल पूरे हुए हैं और इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आकर उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया है। काकोरी शहीदों को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवार वाले धन्य हैं। वे राम नाईक के नाते नहीं बल्कि राज्यपाल एवं प्रदेश की 21 करोड़ जनता की ओर से ऐसे राष्ट्रभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने कष्ट उठाकर देश की आजादी में सहभाग किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर काकोरी के शहीदों के परिजनों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अंग वस्त्र व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित भी किया। 

श्री नाईक ने कार्यक्रम के पूर्व सभी शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। स्मारक के प्रागंण में राज्यपाल ने वृक्षारोपण भी किया। इस दौरान अंग्रेजी में लिखे घोष वाक्य ‘ग्रीन यूपी क्लीन यूपी‘ पर सुझाव दिया कि बेहतर होगा प्रदेश का पूरा नाम गर्व के साथ लिखा जाय तथा अपनी भाषा का प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को हरा-भरा करने के लिए सबसे अच्छा नया घोष वाक्य देने वाले को वे राजभवन में सम्मानित करेंगे। 

इस अवसर पर उपायुक्त डाॅ0 अनिल पाठक, मुख्य विकास अधिकारी श्री योगेश कुमार, उपजिलाधिकारी श्री अनिल कुमार व श्री उदय खत्री ने भी अपने विचार रखें।