लखनऊ। “काली कमाई के कुबेर व भ्रष्टाचार के पर्यायवाची बने यादव सिंह को मोदी, माया और मुलायम का संरक्षण प्राप्त है “ यह आरोप लगाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश  अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि मायावती के कार्यकाल में नियम विरूद्व पदोन्नति पाने वाले अधिकारी के उपर सरकार बदल जाने पर कार्यवाही की तलवार चली परन्तु मैनेजमेंट के आगे वर्तमान सरकार नतमस्तक हो गयी और भ्रष्टाचारी यादव सिंह पर लगे सारे आरोपों को निराधार मानते हुये उनको तीन विभागों का हेड बना दिया गया था। परन्तु इस प्रकरण में अचानक नया मोड़ तब आया जब छापे के दौरान इनकी गाड़ी से 10 करोड़ रूपये नकद मिले और बाद में आयकर विभाग के छापे में इनके घर से कागजात, डायरी के अतिरिक्त 2.5 किलो हीरा भी बरामद हुआ। उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश  की पिछली व वर्तमान सरकार को अपनी उंगलियों पर नचाने वाला यादव सिंह अपने प्रबन्धन कला का प्रयोग करके केन्द्र की मोदी सरकार को भी मैनेज कर लिया क्योंकि परिवर्तन निदेशालय के छापे मेे बरामद करेंसी, हीरा व आपत्तिजनक दस्तावेजों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा कोई एफ0आई0आर0 दर्ज नहीं करायी गयी। 

चौहान ने आगे बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार यादव सिंह को संरक्षण देने के मामले में लोकायुक्त, एस0आई0टी0 जैसी संवैधानिक संस्थाओं की अनदेखी करते हुये भ्रष्टाचारी इंजीनियर को बचाने का प्रयास जारी रखा। हद तो तब हो गयी कि मा0 राज्यपाल तथा एस0आई0टी0 की टिप्पणी के बावजूद प्रदेष सरकार सी0बी0आई0 जांच कराने से बचती रही जिससे यह साबित हुआ कि यादव सिंह के साथ प्रदेष सरकार के चहेते लोगों ने मिलकर भ्रष्टाचार किया है। एक जनहित याचिका के दौरान उच्च न्यायालय ने उक्त प्रकरण की जांच सी0बी0आई0 से कराने का आदेश  दिया तो कल यादव सिंह के 14 ठिकानों पर एक साथ सी0बी0आई0  ने छापा डालकर और एफ0आई0आर0 दर्ज करके यादव सिंह व उनके सहयोगियों पर षिकंजा कसने का संदेष दिया। काली कमाई के कुबेर की जडे़ प्रदेश  सरकार में इतनी गहरी है कि इतने के बावजूद प्रदेश  सरकार सारी नैतिकता को ताक पर रखकर एक भ्रष्टाचारी को बचाने का अन्तिम प्रयत्न जारी रखते हुये मा0 उच्च न्यायालय के सी0बी0आई0 जांच कराये जाने के विषयक सम्बन्धी आदेश  के विरूद्व उच्चतम न्यायालय मंे अपील की है जिससे अब यह स्पष्ट हो चला है कि उक्त भ्रष्टाचारी के भ्रष्टाचार में प्रदेश की सरकार बराबरी की हिस्सेदार है।