नई दिल्‍ली: मध्य प्रदेश के हरदा में रात में दो ट्रेन हादसे हुए। इस इलाके में माचक नदी पर बनी एक पुलिया के पास मुंबई से वाराणसी जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस और पटना से मुंबई जाने वाली जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और दोनों ट्रेनों के 11 डिब्बे पटरी से उतर गए।

इस हादसे में 40 लोगों की मौत की ख़बर है,जिसमें 10 महिलाएं और पांच बच्चे शामिल हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है। हादसे में 40 लोग घायल भी हुए हैं और करीब 300 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम जारी है जिसमें आसपास के गांववालों के अलावा एनडीआरएफ और रेलवेकर्मी भी जुटे हैं।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस पर वह आज संसद में बयान जारी करेंगे। वहीं इस मामले को लेकर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बयान दिया है कि यह प्राकृतिक आपदा है। लापरवाही के आरोप गलत हैं।

मुंबई-वाराणसी एक्सप्रेस के छह डिब्बे करीब 11.30 बजे हरदा से करीब 25 किलोमीटर दूर खुडावा रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए। इसके कुछ मिनटों बाद ही जबलपुर-मुंबई एक्सप्रेस के चार डिब्बे और इंजन जो कि दूसरी तरफ से आ रही थी, पटरी से उतर गई।

रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने बताया कि रेलवे ट्रेक भारी बारिश के कारण धंस गया था।  सक्सेना ने एनडीटीवी से कहा, राहत और बचावकार्य तेजी से चल रहा है। स्थिति नियंत्रण में है और बहुत से लोगों को बचाया जा चुका है। हरदा के पास सरकारी और निजी अस्पताल अलर्ट पर हैं।

हादसे के चलते कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जिसमें जबलपुर-सीएसटी गरीब रथ (12187), जबलपुर-एलटीटी (01712) और इटारसी-भुसावल (51158) ट्रेनें शामिल हैं। मुंबई से जाने वाली 19 ट्रेनों और आने वाली 29 ट्रेनों का रूट बदला गया है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की ट्रेनों को अस्थायी तौर पर रोका गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ ट्रेनों का मार्ग बदलकर उन्हें राजस्थान-कोटा मार्ग से भेजा जा रहा है।

मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार और मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।

रेलवे चेयरमैन एके मित्तल ने कहा कि बाढ़ का तेज पानी ट्रैक में घुस गया, जिससे उसके नीचे की मिट्टी बह गई। उन्होंने कहा कि दुर्घटना से 10 मिनट पहले तक ट्रैक बिल्कुल ठीक था और उससे कई ट्रेनें सुरक्षित निकली थीं।

डॉक्‍टरों, रेलवे के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को मिलाकर करीब 100 लोगों की टीम के साथ स्‍पेशल ट्रेन घटनास्‍थल के पास पहुंची हुई है और राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

कामायनी एक्सप्रेस की बात करें तो इस ट्रेन के एसी और स्लीपर क्लास में कुल 697 यात्री थे जबकि इस ट्रेन में छह जनरल डिब्बे भी हैं। जाहिर है इन जनरल डिब्बे में भी बड़ी संख्या में यात्री सफर कर रहे होंगे।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया, ‘आपात चिकित्सा और अन्य राहतकर्मी मौके पर पहुंच रहे हैं। अंधेरे और पानी से बाधा आ रही है, लेकिन हरसंभव मदद का आदेश दिया है। अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि बोगियों को बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं।

रेल मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘हम सूचना के आधार पर हरसंभव मदद के लिए तैयारी कर रहे हैं, कोई कोशिश नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘रेलवे प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार कामायनी एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद यात्रियों को बचाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। जीएम, डीआरएम, आरपीएफ और मेडिकल स्टाफ को पहुंचने का निर्देश दिया है।’

हादसे के बाद रेलवे की तरफ से हेल्‍पलाइन नंबर जारी किए गए हैं जो इस प्रकार हैं…

मुंबई (Mumbai)  : (022) – 25280005

भिरिंगी (Bhiringi) : (016) – 48426

भोपाल (Bhopal)  : (0755) – 4001609

हरदा (Harda)    : (+91) – 9752460088

बीना (Bina)      : (07580) – 222580

इटारसी (Itarsee)  : (07572) – 241920

कल्याण :02512311499