नई दिल्ली: सोनिया ने कहा भाजपा ‘अभी इस्तीफा, बाद में चर्चा’ सिद्धांत की लेखक है, जिसे संप्रग शासन के दौरान कम से कम पांच अवसरों पर इस्तेमाल किया गया। हम केवल इसे अपना रहे हैं। सोनिया प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पुरानी चीजों को नया कलेवर देने वाले, दक्ष विक्रेता, सुर्खियां बटोरने वाले और चतुर खबर प्रबंधक बन गए हैं। लगता है कि ‘मन की बात’ करने वाले चैम्पियन ने ‘मौन व्रत’ धारण कर लिया है। सरकार जिम्मेदारी की बजाए अहंकार दिखाते हुए संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है। जांच की जगह महज चर्चा कराना चाहती है। यह स्वीकार्य नहीं है। चर्चा और संवाद पहले तथा कार्रवाई बाद में करने का भाजपा का रुख कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है। 

वहीं, कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा, जिस स्‍तर का भ्रष्‍टाचार हुआ, हमें बीजेपी के आरोपी नेताओं का इस्‍तीफा ही चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्‍यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत तमाम बड़े नेता और कांग्रेसी सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार के अड़ियल रवैये के ख़िलाफ़ कांग्रेस अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेगी। सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े पर अड़ी कांग्रेस आगे भी सरकार को इस मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है।