नई दिल्ली: ललित मोदी प्रकरण पर संसद में विपक्ष के लगातार जारी हंगामे के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि उन्होंने कभी भी ब्रिटिश सरकार से ललित मोदी के लिए पैरवी नहीं की और उनके खिलाफ सारे आरोप निराधार हैं। विपक्ष के हंगामे के बीच सुषमा स्वराज अपनी बात रखती रहीं।

उन्होंने विपक्ष से चर्चा करने का आग्रह करते हुए कहा कि कांग्रेस केवल शोर-शराबा करती है। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण वह अपनी बात पूरी नहीं कर सकीं और उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

कांग्रेस के सदस्य ललित मोदी और व्यापमं मामलों में जवाबदेही तय किए जाने और इस संदर्भ में विदेश मंत्री और राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

कुरियन ने कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा द्वारा नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक चर्चा नहीं शुरू होगी, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते। इस पर सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुषमा स्वराज एक बयान देंगी, ताकि चर्चा शुरू हो सके।

सुषमा ने कहा कि वह पहले दिन से कह रही हैं कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मदद देने का आरोप निराधार और आधारहीन हैं। उन्होंने कहा, मैंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध या सिफारिश नहीं की है। उनके बयान के बीच ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और आसन के समक्ष आ गए। सुषमा ने हंगामे के बीच ही कहा कि वह दो हफ्तों से इस उम्मीद में रोजाना सदन में आ रही हैं कि वह इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे सकेंगी।

इससे पहले आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार के अहंकार के कारण सदन में गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन में उस समय तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती, जब तक कि जवाबदेही तय करने को लेकर प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते। प्रधानमंत्री से जवाब की मांग करते हुए उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गंभीर नहीं है। कुरियन ने कहा कि जब तक आप चर्चा शुरू नहीं करते, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते। इसके बाद सुषमा ने अपना बयान दिया।