मुंबई: क्रिकेट के मैदान से किंग खान के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी है, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने उनपर लगा बैन हटा लिया है। शाहरुख आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स के को-ओनर हैं। 2012 में एमसीए ने वानखेड़े स्टेडियम में उनकी एंट्री पर 5 साल का बैन लगा दिया था। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की रविवार को हुई बैठक में शाहरुख खान के पक्ष में फैसला लिया गया।

16 मई 2012 को केकेआर और मुंबई इंडियंस के बीच आईपीएल मैच के बाद शाहरुख ने वानखेड़े स्टेडियम के एक सुरक्षाकर्मी और एमसीए के अधिकारियों के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की थी। इसके बाद उनके स्टेडियम में एंट्री पर पांच साल का बैन लगा दिया गया था। पिछले साल एमसीए शाहरुख पर लगाए प्रतिबंध को अस्थाई तौर पर हटाना चाहता था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया।

बॉलीवुड के बादशाह के लिए ये दोहरी ख़ुशी है, क्योंकि हाल ही में उनकी टीम त्रिनिनाद एंड टोबैगो रेड स्टील ने कैरिबियन प्रीमियर लीग का खिताब भी जीता है। टीम ने फाइनल में बारबाडोस को हराया था।

उल्लेखनीय है कि इसी साल मार्च में वकील आभा सिंह ने दावा किया था कि महाराष्ट्र बाल आयोग ने वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल की एक मैच के दौरान हुए झगड़े के संदर्भ में शाहरुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। आभा सिंह के मुताबिक, आयोग ने माना कि शाहरुख खान ने जिस तरह से सार्वजनिक जगह पर छोटे बच्चों के सामने अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, उसका बच्चों के मन पर विपरित असर पड़ सकता है। इसलिए शाहरुख के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के साथ ही जुवेनाइल जस्टीस कानून के तहत भी मामला दर्ज होना चाहिए।

आभा सिंह के मुताबिक शाहरुख ने उस दिन एसीपी को भी धक्का दिया था। बावजूद उसके मुंबई पुलिस ने एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की। इसकी जांच करने का आदेश भी आयोग ने दिया है।

हालांकि स्टेडियम में हुए उस झगड़े के बाद बीसीसीआई ने शाहरुख खान के स्टेडियम में प्रवेश पर पांच साल के लिए पाबंदी लगा दी थी(जिसे आज हटा लिया गया है), लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।

अब आयोग के आदेश के बाद सालों पुराना मामला एक बार फिर सुर्खियों मे आ गया है। हालांकि विशेष सरकारी वकील पीडी घरत का कहना है कि आयोग के इस आदेश पर कितना अमल हो पाएगा कह पाना मुश्किल है, क्योंकि आयोग किसी मामले की जांच की सिफारिश कर सकती है, लेकिन सीधे एफआईआर दर्ज का आदेश नहीं दे सकती।