मुंबई: मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन के शव को मरीन लाइंस के बड़ा कब्रिस्तान में उसके पिता की कब्र के ठीक बगल में दफनाया गया। शव को दफनाने से पहले माहिम की दरगाह में उसके जनाजे की नमाज अदा की गई।

याकूब मेमन को आज सुबह 6:30 बजे नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। याकूब को फांसी देने के समय जेल सुपरीटेंडेंट, दो कांस्टेबल, डीआइजी, सीएमओ वहां मौजूद रहे। सुबह 7:01 मिनट के बाद याकूब को मृत घोषित कर दिया गया।

उसके शव का पोस्टमार्टम कर डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया। इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। उसका शव एयर एंबुलेंस से मुंबई लाया गया। याकूब के शव को मरीन लाइंस के बड़ा कब्रिस्तान में उसके पिता की कब्र के ठीक बगल में दफनाया गया। शव को दफनाने से पहले माहिम की दरगाह में उसके जनाजे की नमाज पढ़ाई  गई।

इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने देर रात चली सुनवाई के बाद उसकी नई याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट बुधवार को रात में ढाई बजे खुला और बृहस्पतिवार तड़के पांच बजे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कल देर रात एक बार फिर से याकूब के वकीलों ने उसको बचाने के लिए एक नया दांव खेलते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। करीब तीन घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसको खारिज कर दिया।

याकूब ने अपनी अंतिम इच्छा के तौर पर अपनी बेटी से मिलने की इच्छा जताई थी। उसने कहा था कि वह जानता है कि वह मरने वाला है और अब उसको कोई चमत्कार ही फांसी के फंदे से बचा सकता है।