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प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जाय

राज्यपाल ने कुलपति-कुलसचिवों की बैठक को सम्बोधित किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति, राम नाईक ने आज राजभवन में प्रदेश  के 25 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कुलसचिव की बैठक आहूत की। 

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश मानव संसाधन की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता को बढ़ाकर देश के विकास के लिये कुशल एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में स्वत्तिपोषित योजना के अन्तर्गत नये-नये पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके संचालन के लिये शैक्षिक संवर्ग के पदांे पर नियुक्तियां विद्यमान शासनादेशों के प्राविधानों के तहत संविदा के आधार पर अधिकांशतः नियत वेतन पर की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा स्ववित्तपोषित योजना के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षकों को प्राप्त होने वाले वेतन में भिन्नता है। इसलिये यह आवश्यक है कि उनको नियमित शिक्षकों की भांति वेतन वृद्धि एवं सेवा शर्तों में स्थायित्व हो। उन्होंने कहा कि सेवा शर्तों के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर उस पर शासन स्तर से नीतिगत निर्णय लिया जाय ताकि स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के तहत नियुक्त शिक्षक भी पूर्ण मनोयोग से शिक्षा के उत्थान में सहयोग कर सकें। 

श्री नाईक ने कहा कि शिक्षा के उत्थान के लिये यह आवश्यक है कि जो छात्र अपनी शिक्षा पूर्ण कर चुके हैं उन्हें उपाधि समय उपलब्ध करा दी जाए जिसे वह नौकरी प्राप्त करने हेतु प्रयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2014-15 में 21 विश्वविद्यालयों और संस्थाओं के दीक्षान्त समारोह समय आयोजित कर उपाधियों का वितरण किया गया है। 

राज्यपाल ने कहा कि दीक्षान्त समारोह की तिथियाँ तय करके शीघ्र ही अवगत करा दिया जायेगा। दीक्षान्त समारोह की तिथियों का निर्धारण करते समय मौसम का ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने दीक्षान्त समारोह की उपयुक्त तिथि के साथ-साथ डेªस कोड भी इंगित करें। 

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ख्वाजा मोईनुद्दीन उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की प्रथम परिनियमावली जो शासन स्तर पर लम्बित है उसे शीघ्र प्रख्यापित कराया जाए।

बैठक मुख्य रूप से परीक्षा परिणाम घोषित होने की अद्यतन स्थिति, सत्र 2015-16 की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु निर्धारित तिथि, दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्रक्रिया पूर्ण करने की समय सारिणी, शैक्षिक सत्र 2015-16 का शैक्षिक कलेण्डर, स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों से संबंधित समस्याओं तथा शिक्षकों की सेवा शर्ते, फीस आदि, शैक्षिक गुणवत्ता एवं पारदर्शिता हेतु अभिलेखों एवं सूचनाओं के डिजिटाइजेशन की कार्य योजना, विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह की रूप रेखा और पी.एच.डी/डी.लिट पाठ्यक्रम संचालन की अद्यतन स्थिति पर विचार करने हेतु बुलाई गई थी। 

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