लखनऊ: राज्यपाल के ऊपर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी पर भाजपा ने कडे़ शब्दों में ऐतराज जताया है। भाजपा  के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने कहा कि राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं यदि वे प्रदेश की किसी समस्या पर सवाल उठाते है तो सरकार को अनर्गल आरोप लगाने के बजाये उसका संज्ञान लेकर जनता के हित में उसे निस्तारित करना चाहिये।

डाॅ0 बाजपेयी ने सपा नेता द्वारा जाति विशेष के अधिकारियों की तैनाती की सूची जारी करने को हस्यास्पद बताते हुए इसे प्रदेश की जनता का ध्यान मुद्दो से हटाने का प्रयास बताया। डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि अच्छा होता इस सूची के साथ-2 अखिलेश सरकार अफसरों का अनुपात भी जारी कर देती। डाॅ0 बाजपेयी ने पूछा कि कि लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड, उच्चतर शिक्षा चयन बोर्ड, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थान सेवा मण्डल के चेयरमैन कौन हैं? उच्चतर शिक्षा चयन बोर्ड के अध्यक्ष रामवीर  यादव को अनियमिता में पकडे जाने पर अभी कोर्ट ने हटाया है।

डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि लोकसेवा आयोग में पिछले 40 माह में हुई नियुक्तियों दरोगा-पुलिस भर्ती, सहित तमाम भर्तियों की सूची नाम व जिला सहित घोषित कर दे तो उनकी कलई खुल जायेगी । डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि राज्यपाल द्वारा नामित होने वाले विधान परिषद के सदस्यों की सूची को भी रामगोपाल यादव को याद रखना चाहिये।

डाॅ0 बाजपेयी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता खराब कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार से हलकान है। नियुक्ति से लेकर तबादला तक में भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद हावी है। डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि अखिलेश सरकार गुण्डगर्दी एवं जातिवाद का सहारा लेकर किसी तरह लोकसभा में परिवार को पहुॅचा सकी है।

डाॅ0 बाजपेयी ने रामगोपाल यादव को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार चली-चला की बेला में उन्हें भाजपा की चिन्ता छोड़कर अपनी सरकार एवं पार्टी की चिन्ता करनी चाहिये।