पटना : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई तीखी आलोचना से आहत् राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शनिवार को उन पर बिहार के लोगों को ‘नीचा’ दिखाने और उनके एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मतभेद पैदा करने का आरोप लगाया।

प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी बिहार के लोगों को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां लोगों को मालूम है कि जदयू और राजद ने उनकी कितनी सेवा की है। वह हम में से एक की प्रशंसा कर रहे हैं जबकि दूसरे की आलोचना। यह हमें विभाजित करने की स्पष्ट रणनीति है। वह कुमार और मेरे बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’

रैली में लालू की पार्टी आरजेडी पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि RJD का मतलब ‘रोजाना जंगलराज का डर’ है।

उन्होंने कहा, ‘(उनके और कुमार के बीच) मतभेद पैदा करने की मोदी की साजिश कभी सफल नहीं होगी और जनता उन्हें आरजेडी का सही मतलब बताएगी ।’ राजद प्रमुख का त्वरित जवाबी हमला मोदी द्वारा आईआईटी पटना में नई परियोजना समेत कई परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान अपने भाषण में उन्हें निशाना बनाने के तुरंत बाद आया है। इस कार्यक्रम में कुमार भी मौजूद थे।

मोदी ने कहा, ‘मैं कुमार से सहमत हूं। उनके बाद के रेल मंत्रियों ने काम नहीं किया जिससे केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान शुरू की गयी परियोजनाएं रूक गयी।’  इस टिप्पणी को प्रसाद पर हमले के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि नीतीश कुमार के बाद संप्रग की पहली सरकार में लालू प्रसाद ही रेल मंत्री थे। इसे केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन सरकार की आलोचना के रूप में भी देखा जा रहा है। राजग के बाद संप्रग सरकार आयी थी। कुमार के जदयू, राजद, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) बिहार विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए पहले ही गठबंधन कर चुके हैं। इस साल अक्तूबर-नवंबर में यह चुनाव होना है।

प्रधानमंत्री की इस घोषणा पर कि वह सही समय पर राज्य के लिए विशेष पैकेज देंगे, प्रसाद ने कहा, ‘मोदी बिहार को कभी विशेष पैकेज नहीं देंगे। हम इसे लेंगे। यह हमारे लोगों का अधिकार है।’ उन्होंने कहा, ‘वह जब भी यहां आते हैं, हर बार सबके लिए बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन अबतक कुछ पूरा नहीं हुआ।’ जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उसके बारे में भी कुछ नहीं कहा।

प्रसाद ने कहा कि एक जाने माने टेलीविजन चैनल के सर्वेक्षण में दिखाया गया है कि 52 फीसदी लोगों ने कुमार का मुख्यमंत्री के तौर पर समर्थन किया जिससे वह मोदी से अधिक लोकप्रिय हो गए हैं क्योंकि मोदी 45 फीसदी लोगों का ही समर्थन जुटा सके।