नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में कुछ नियमों को बदलने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत अंशधारक पीएफ खाते की परिपक्वता से पहले केवल 75 प्रतिशत राशि ही निकाल सकेंगे। इसके लिए भी उन्हें यह साबित करना होगा कि वे दो महीने से ज्यादा समय से बेरोजगार हैं।

प्रस्तावित व्यवस्था के तहत बची हुई 25 प्रतिशत राशि का भुगतान 58 साल की उम्र में होगा। वर्तमान में ईपीएफओ अंशधारक अपने पीएफ खाते की सारी राशि परिपक्वता अवधि से पहले निकाल सकते हैं, बशर्ते यह दिखा सकें कि वे दो माह से कहीं रोजगार नहीं कर रहे हैं।

श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि शुक्रवार को इस मुद्दे पर ईपीएफओ में कर्मचारी पक्ष के ट्रस्टियों के साथ बैठक हुई। इन ट्रस्टियों ने इस कदम का समर्थन किया, जिसके बाद अब मंत्रालय पीएफ खाते से समय पूर्व निकासी के बारे में अपने फैसले को अंतिम रूप दे रहा है।

अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने इसी महीने की शुरूआत में ही यह सीमा तय करने की मंशा जताई थी, लेकिन मंत्रालय चाहता था कि इस बारे में पहले श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों की सहमति भी ले ली जाए।

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डी एच सचदेव ने बैठक के बाद कहा कि श्रम मंत्रालय जल्द ही अध्यादेश जारी करेगा। सचदेव ने बताया कि निष्क्रिय खातों का प्रावधान इस तरह के मामलों में लागू नहीं होगा।