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ख़ुदकुशी करने वाले किसान नपुंसक: केद्रीय कृषि मंत्री

नई दिल्ली: केद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह किसानों पर दिए बयान पर फंस गए हैं। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि देश में ज्यादातर किसानों की मौत प्रेम-प्रसंग, दहेज और नपुंसकता के चलते हो रही है। राधा मोहन ने कहा कि इस साल 1400 से ज्यादा किसानों ने प्रेम-प्रसंग, दहेज और नपुंसकता के चलते आत्महत्या की है न कि पैसों की तंगी, कर्ज या खराब फसल की वजह से। उन्होंने पत्र के जरिए भेज गए जवाब में कहा है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक किसानों की खुदकुशी के जो कारण है उनमें बीमारी, ड्रग्स, दहेज , प्रेम संबंध और नपुंसकता है।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में राधामोहन ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में इतने किसानों की मौत घरेलू समस्याओं, बीमारी, नशा, दहेज, प्रेम प्रसंग और नपुंसकता की वजह से हुई है। कृषि मंत्री के जवाब में कर्ज से मौत का कहीं भी जिक्र नहीं था।

विपक्ष ने राधा मोहन सिंह के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता और नेता राज बब्बर ने कहा है कि मैं नहीं समझता कि बीजेपी को छोड़कर कोई भी पार्टी किसानों के बारे में इतना नीचे गिरकर सोच सकती है। जनता दल यूनाइटेड के नेता के सी त्यागी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि हमारी पार्टी इस टिप्पणी को लेकर कृषि मंत्री के खिलाफ नोटिस देगी।

 गौर हो कि देश में पिछले साल कुल 5,650 किसानों ने खुदकुशी की और महाराष्ट्र इस मामले में सबसे ऊपर रहा। आधिकारिक आंकड़ों से यह खुलासा हुआ। महाराष्ट्र के बाद तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से सर्वाधिक किसानों द्वारा खुदकुशी के मामले सामने आए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की बीते शुक्रवार को जारी ‘दुर्घटना एवं खुदकुशी के कारण भारत में 2014 में हुई मौतें’ रिपोर्ट के अनुसार खुदकुशी करने वाले 5,650 किसानों में 5,178 पुरुष और 472 महिलाएं शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में सर्वाधिक 2,568 किसानों ने आत्महत्या की, जो किसानों द्वारा पूरे देश में की गई कुल खुदकुशी का 45.5 फीसदी रहा।

तेलंगाना (15.9 फीसदी) में 898 किसानों द्वारा जबकि छत्तीसगढ़ (14.6 फीसदी) में 826 किसानों ने खुदकुशी की। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महिला किसानों द्वारा खुदकुशी के मामले में तेलंगाना (31.1 फीसदी) सबसे ऊपर रहा। किसानों द्वारा खुदकुशी के पीछे दिवालिया होना या कर्ज न चुका पाना तथा पारिवारिक कारण मुख्य रहे। फसल नष्ट होने तथा बीमारी के चलते भी किसानों ने खुदकुशी की।

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